Bageshwar Dham: आजकल महाराज धीरेन्द्र शास्त्री खूब चर्चा में हैं. बता दें कि महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के नाम से फेमस हैं. बागेश्वर धाम मंदिर सालों पुराना है और यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. महाराज दावा करते हैं कि उन्हें ईश्वरीय शक्तियों से लोगों की समस्याएं पता चल जाती हैं, जिस कारण से वो लोगों के मन की बात को पढ़ लेते हैं. आपको बता दें कथाओं के दौरान बाबा लोगों के बीच में रॉयल लुक में आते हैं और उन्होंने एक खास किस्म की पगड़ी पहनी होती है. आइए जानते हैं बाबा की पगड़ी की खासियत के बारे में…
खास किस्म की है बाबा की पगड़ी
बागेश्वर धाम महाराज एक खास किस्म की पगड़ी पहनते हैं.खास किस्म की इस पगड़ी को बनाने में दो से तीन दिन का वक्त लगता है. यह कोल्हापूर की संस्थानिक पगड़ी है. जानकार बताते हैं कि इस पगड़ी को मराठा राजा-महराजा पहनते थे. खासकर छोटे-छोटे क्षेत्रों के जो राजा होते थे, उनके सिर पर यह पगड़ी होती थी.
इसके अलावा बागेश्वर धाम महाराज के कपड़े भी राजा-महराजा की तरह होते हैं. रामकथा और दिव्य दरबार में वह अलग-अलग चमकते कपड़े में नजर आते हैं. बता दें कि ऐसे कपड़े पुराने समय समय राजाओं के परिधान होते थे. वहीं इन कपड़ों में उनके भक्तों को बाबा का अलौकिक रूप दिखता है.
Bageshwar Dham के राजा हैं धीरेन्द्र शास्त्री
बागेश्वर धाम महाराज कोल्हापूर की संस्थानिक पगड़ी ही पहनते हैं। बता दें कि बागेश्वर एक धाम है और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खुद को इस धाम का महाराज बताते हैं. यानी कि वे यहां के राजा है. यह पगड़ी राजाओं के सिर पर होती थी.संभव है कि बागेश्वर धाम महाराज भी इसीलिए यह पगड़ी पहनते हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहनते हैं ये पगड़ी
सिंधिया जब किसी खास मौके पर पूजा-पाठ करते हैं, तब वह राजाओं की तरह ड्रेस में होते हैं. पिछले दिनों दिवाली की पूजा में भी वह महाराज के लुक में दिखे थे.दरअसल, ग्वालियर राजघराने के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मराठी हैं. वह भी कोल्हापूर की संस्थानिक पगड़ी पहने हैं.
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