Haldwani Case: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही कहा है कि अचानक इतनी बड़ी कार्रवाई कैसे कर सकते हैं. इतने सारे लोग 7 दिनों में कहा जाएंगे. फिर आगे सुप्रीम कार्ट ने कहा कि इसलिए पहले 60 साल से जो रह रहे हैं लोगों के लिए पुनर्वास की योजना लाई जाए. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की दोबारा सुनवाई के लिए 7 फरवरी की तारीख तय कर दी है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट और वकील के तर्क
1. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो वकील कॉलिन गोंसॉलविस ने पहले तर्क दिया कि करीब 50 हजार लोगों का घर है.
2. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बिल्कुल ठीक है कि रेलवे लाइन के पास अतिक्रमण नहीं दिया जा सकता, लेकिन उनके लिए पुनर्वास और अधिकारों पर तो गैर करना होगा. अचानक इतनी सख्त कार्रवाई कैसे कर सकती हैं.
3. फिर रेलवे ने कहा कि अचानक कोई कार्रवाई नहीं हो रही. लंबा समय कानूनी लड़ाई को हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा सवाल ये है कि इतनी बड़ी संख्या में 7 दिन में लोग कहां जाएंगे. आप कोई समाधान बताएं. यह एक मानवीय संवेदना का मामला है.
4. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार और रेलवे की ओर से भूमि के बारे में दी गई जानकारी में क्या फर्क है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा पहले यह भूमि 29 एकड़ और फिर ज्यादा बताई गई है.
5. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सामाधान तीन पहलुओं पर देखें. या तो उसी स्थान को विकसित करें, नहीं तो नई जगह पुनर्वास कराएं या फिर अन्य कोई व्यवस्था करें.
6. इस पर रेलवे ने अपना तर्क रखा और कहा कि एक दिन में अतिक्रमण से हटने को नहीं कहा जा रहा है.
7. फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 60 साल से जो लोग रह रहे हैं उनके लिए पुनर्वास की योजना लाई जाए.
8. राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र की पुनर्वास योजना है, लेकिन कब्जा करने वाले वो जमीन नहीं छोड़ना चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग आजादी के पहले से रह रहे हैं. उनके लिए कुछ तो करेंगे.
9. इसके बाद वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्य सरकार का डिमारकेशन कोविड काल में किया गया. समय ही नहीं दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग इतने समय से रह रहे हैं. आप कैसे कह सकते हैं कि 7 दिन में हटा दीजिए.
10. वकील ने कहा कि स्कूल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बैंक सब बने हुए हैं और हाईकोर्ट के आदेश से 50 हजार लोग प्रभावित होंगे. हमने राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी.
ये भी पढ़ें: कंझावला केस में 5 नहीं 7 आरोपियों ने मिलकर किया है कांड! जानिए कौन हैं 2 नए चेहरे