उत्तराखंड: 115 दिनों बाद सीएम तीरथ की हुई विदाई, संवैधानिक संकट बना वजह
बीते दिनों से लगातार चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए शुक्रवार रात 11 बजे राजभवन जाकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गवर्नर बेबी रानी मौर्या को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बता दें कि रावत ने 10 मार्च को इसी वर्ष मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी. शपथ लेने के 115 दिन बाद दो जुलाई को उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की. उम्मीद की जा रही थी कि वह रात 9.30 बजे बुलाई गई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इस पर कुछ बोलेंगे, मगर वहां उन्होंने इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साधे रखी और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर चले गए.
विधायक होगा अगला मुख्यमंत्री
इस्तीफे के बाद रावत ने कहा कि संवैधानिक संकट की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया है. उन्होंने मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि आलाकमान के कहने पर मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया है. उन्होंने बताया कि अगला मुख्यमंत्री कोई विधायक ही होगा. शनिवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा. बतादें राज्य के 20 वर्षों के इतिहास में बतौर मुख्यमंत्री उनका सबसे छोटा कार्यकाल 115 दिन का रहा है जबकि इससे पहले BJP से 2002 में भगत सिंह कोश्यारी 123 दिन CM रहे थे.
तीरथ सिंह रावत के सामने संवैधानिक समस्या क्या थी?
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अब संविधान के मुताबिक पौड़ी गढ़वाल से भाजपा सांसद तीरथ को 6 महीने के भीतर विधानसभा उपचुनाव जीतना था, तभी वह CM रह पाते, यानी 10 सितंबर से पहले उन्हें विधायकी जीतनी थी. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि तीरथ सिंह गंगोत्री से चुनाव लड़ेंगे. आम आदमी पार्टी ने तो यहां उनके खिलाफ अपना कैंडिडेट कर्नल अजय कोठियाल को बना भी दिया था.
चुनाव आयोग द्वारा सितंबर से पहले उपचुनाव कराने से इंकार करने के बाद CM रावत के सामने विधायक बनने का संवैधानिक संकट खड़ा हो गया. हालांकि वह 6 माह पूरा होने से पहले इस्तीफा देकर दोबारा शपथ ले सकते थे, लेकिन भाजपा को अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ऐसा करना ठीक नहीं लग रहा था.
सतपाल महाराज समेत इन नामों की चर्चा
उत्तराखंड में नए सीएम के तौर पर सतपाल महाराज, रेखा खंडूरी, पुष्कर सिंह धामी और धन सिंह रावत शामिल हैं. चर्चा है कि सतपाल महाराज को दिल्ली बुलाया गया है.
बता दें, सीएम रावत बीते तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. उन्होंने गत 24 घंटों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दो बार मुलाकात की थी. इसके बाद सरगर्मी तेज हो गई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा उत्तराखंड को लेकर कोई बड़ा फैसला करने जा रही है. आखिरकार शाम होते-होते रावत के इस्तीफे की पेशकश की खबर आ गई.
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