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पंजाब: 'कांग्रेस नेता सिद्धू का खुद 8 लाख से अधिक बिजली बिल बकाया': राज्य विद्युत् विभाग

 

बिजली कटौती समस्या के लिए सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए मौजूदा सीएम कैप्टन और पिछली अकाली-बीजेपी सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को जिम्मेदार ठहरा रहे कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू का फैंका पासा अब उल्टा उनपर ही पड़ता हुआ नज़र आ रहा है. दरअसल एक चौकाने वाले खुलासे में यह बात निकलकर सामने आई है कि सिद्धू ने कई महीनों से अपने घर का बिजली बिल नहीं भरा है. उन पर बिजली कंपनी का आठ लाख रुपये से ज्यादा बकाया है.

पंजाब राज्य विद्युत् निगम ने किया ख़ुलासा

पीएसपीसीएल के एक आला अधिकारी ने बताया कि सिद्धू पर मार्च, 2021 में पीएसपीसीएल के 17,62,742 रुपये बकाया थे. उसी समय पीएसपीसीएल ने डिफाल्टरों के खिलाफ अभियान चलाया तो सिद्धू ने 10 लाख रुपये का भुगतान कर दिया लेकिन अभी भी पीएसपीसीएल की 8.74 लाख की राशि बकाया है. 


यह भी पता चला है कि सिद्धू ने अब बकाया बिल के वन टाइम सेटलमेंट के लिए आवेदन किया है. पीएसपीसीएल के अधिकारी ने बताया कि कम बकाया राशि वाले डिफाल्टर कई उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटे गए हैं लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण सिद्धू ऐसी कार्रवाई से बचे रहे हैं. 

ट्वीट करके अपनी ही सरकार पर साधा था निशाना

बतादें इससे पहले, शुक्रवार को दिनभर सिद्धू ने पंजाब में बिजली संकट के मुद्दे पर एक के बाद एक नौ ट्वीट किए. इनमें एक ट्वीट में सिद्धू ने कैप्टन सरकार द्वारा सरकारी दफ्तरों में बिजली को लेकर जारी निर्देशों पर टिप्पणी करते हुए लिखा- सही दिशा में काम करने से न तो पंजाब में बिजली कटौती की जरूरत पड़ेगी और न ही ऑफिस में टाइमिंग या एसी को मैनेज करने की जरूरत पड़ेगी.

अपने अगले ट्वीट्स में सिद्धू ने लिखा- पंजाब को औसतन 4.54 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ती है, जबकि राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपये है. चंडीगढ़ में 3.44 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली की खरीद होती है. उन्होंने आगे लिखा- पंजाब को बिजली के लिए तीन निजी थर्मल प्लांटों पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है. इस वजह से प्रति यूनिट 5 से 8 रुपये महंगी बिजली खरीदनी पड़ी है, जो अन्य राज्यों से ज्यादा है.

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