'एक ही पते पर 530 लोगों के सैंपल'- महाकुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में हुआ लाखों का फर्जीवाड़ा!

 
'एक ही पते पर 530 लोगों के सैंपल'- महाकुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में हुआ लाखों का फर्जीवाड़ा!

अप्रैल में घटित हरिद्वार महाकुंभ से मानों आलोचनाएं पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही, दरअसल हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में अब बड़ा फर्जीवाडे का मामला सामने आया है. जांच में कम से कम एक लाख कोरोना टेस्ट फर्जी पाए गए हैं. वहीं एक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड सरकार की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं.

हरिद्वार जिला प्रशासन ने अब उन आरोपों की जांच का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है हरिद्वार में कुंभ उत्सव के दौरान कोरोना टेस्टिंग करने के लिए काम करने वाली प्राइवेट लैब्स की ओर से नकली रिपोर्ट जारी की गई थीं.

प्राइवेट लैब्स ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा

आपको बता दें कि कुम्भ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ उत्सव का आयोजन किया गया था और इस अवधि में 9 एजेंसियों और 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग चार लाख कोरोना टेस्ट किए गए थे. प्राथमिक जानकारी में पाया गया है कि प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुम्भ मेले प्रशासन को लाखों रुपयों का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है. कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है.

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वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगो की जांच का मामला सामने आया है जो कि असंभव सा लगता है. वहीं पंजाब के एक युवक को हरिद्वार से प्राइवेट लैब ने कोरोना की जांच रिपोर्ट भेज दी जबकि युवक हरिद्वार कुम्भ मेले में शिरकत करने भी नहीं पहुचा था. उक्त युवक द्वारा इस मामले की शिकायत आईसीएमआर से की गई जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए.

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “पते और नाम फर्जी थे. हरिद्वार में ‘हाउस नंबर 5’ से ही करीब 530 सैंपल लिए गए. क्या एक ही घर में 500 से ज्यादा लोग रह सकते हैं?” उन्होंने कहा कि फोन नंबर भी फर्जी थे और कानपुर, मुंबई, अहमदाबाद और 18 अन्य स्थानों के लोगों ने एक ही फोन नंबर शेयर किए. कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह ने कहा कि एजेंसी को इन इकट्ठे किए गए सैंपल्स को दो प्राइवेट लैब्स में जमा करना था, जिनकी जांच भी की जा रही है.

स्वास्थ्य सचिव ने दिए जांच के आदेश

राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने जांच में भारी गड़बड़ी का संज्ञान लेते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट हरिद्वार डीएम को भेज दी गई है. नेगी ने कहा कि डीएम से 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद हम कार्रवाई करेंगे. इस बीच, हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट सी रविशंकर के आदेश के अनुसार जांच चल रही है और सभी एजेंसियों के लंबित भुगतान को अगली सूचना तक रोक दिया गया है.

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