INS Vikrant: भारत के लिए ये ऐतिहासिक क्षण है जहां आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में सफलता मिली है. लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना के लिए तैयार संस्करण के एक विमान को सोमवार को स्वदेशी विमान वाहक युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया. वहीँ से तेजस ने उड़ान भरी. रक्षा मंत्रालय ने इसे आत्मनिर्भर भारत के सामूहिक सपने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है. इंडियन नेवी ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए कहा कि ‘इंडियन नेवी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक माइल स्टोन अचीव किया गया है. पायलट ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की आईएनएस विक्रांत के बोर्ड पर लैंडिंग की है.’
नौसेना के पायलटों के पायलटों द्वारा आईएनएस विक्रांत पर एलसीए की लैंडिंग करने के बाद भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है. नौसेना प्रमुख ने इस अभियान में लगी पूरी टीम को बधाई दी है.
INS Vikrant पर पहली बार लैंडिंग पर मिली सफलता
आईएनएस विक्रांत देश में बना पहला विशाल विमान वाहक युद्ध पोत है. यह जटिल प्रणालियों से लैस है. यह अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है इसे पहली बार 04 अगस्त 2021 को समुद्र में परीक्षण के लिए उतारा गया था.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे भारतीय नौसेना में 02 सितंबर 2022 को शामिल किया.

इसे बनाने की कुल लागत 20 हजार करोड़ रुपये आई है. इसकी लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है. यह भारत मे बना अब तक का सबसे बड़ा वॉरशिप है. आईएनएस विक्रांत एक साथ 30 एयरक्राफ्ट को लेकर चल सकता है. इन एयरक्राफ्ट्स में MiG-29K के साथ-साथ फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर्स शामिल हैं.
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