जम्मू-कश्मीर के नियमों में बड़ा बदलाव! प्रदेश की बेटियों से शादी कर चुके अन्य राज्यों के पुरुषों को मिलेगी नागरिकता
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू के स्थानीय निवासी बनने के नियमों में आज बड़ा बदलाव किया है. नियमों के मुताबिक अब दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग, जिन्होंने कश्मीरी लड़की से शादी की है. वो भी अब राज्य के स्थायी निवासी बन सकते हैं. सरकार उनके लिए जल्द डोमिसाइल सर्टिफिकेट (Domicile certificate) जारी करेगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने नए नियम की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत प्रदेश में डोमिसाइल प्रमाणपत्र धारक से शादी करने पर दूसरे राज्य की महिला या पुरुष भी अब डोमिसाइल प्रमाणपत्र हासिल कर सरकारी नौकरी के पात्र होंगे.
बतादें, इससे पूर्व की व्यवस्था में केवल 15 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर में रहने, निर्धारित अवधि तक प्रदेश में सेवाएं देने और विद्यार्थियों के लिए निर्धारित नियमों के तहत ही डोमिसाइल प्रमाणपत्र का प्रावधान था. मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर डोमिसाइल प्रमाणपत्र नियमों में सातवां क्लॉज जोड़ा है. अधिसूचना के अनुसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 का प्रयोग कर जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज (डीसेंट्रलाइजेशन एंड रिक्रूटमेंट) एक्ट 2010 की धारा 15 के तहत दिए गए नियमों के तहत सातवां क्लॉज जोड़ा गया है.
लैंगिक असमानता होगी ख़त्म
पुरुषों के सबंध में इस नियम में पहले ही ढील मिली हुई थी. वे किसी भी दूसरे राज्य की महिला से शादी कर सकते थे, उससे होने वाले बच्चे कश्मीर के स्थायी निवासी ही माने जाते. वहीं अगर कश्मीरी महिला किसी अन्य राज्य के पुरुष से शादी करती तो केवल वो ही स्थायी निवासी रहती, उसके बच्चों और पति को इस दायरे से बाहर रखा जाता था. कहा जा रहा है कि प्रशासन का यह कदम लैंगिक असमानता खत्म करने के लिए है.
अनुच्छेद 35-ए निर्धारित करता था जम्मू-कश्मीर की नागरिकता
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को इस धारा को हटाने का प्रस्ताव रखा था. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव पेश किया था. 6 अगस्त को इसी प्रस्ताव को लोकसभा में रखा गया था, जो दोनों सदनों में चर्चा के बाद पास हो गया था. अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द कर दिया गया था. इस अनुच्छेद की वजह से देश के कई कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे. अब इन अनुच्छेदों के हटने के बाद से ही लगातार जम्मू और कश्मीर के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं.
दरअसल संविधान का अनुच्छेद 35 ए से जम्मू-कश्मीर की सरकार और वहां की विधानसभा को ही स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता था. राज्य सरकार को पहले यह अधिकार था कि देश के बाकी हिस्सों के नागरिकों को स्थानीय निवासी का अधिकार दे या नहीं. अनुच्छेद 35 एक, अनुच्छेद 370 का एक हिस्सा था, जिसके चलते किसी भी दूसरे राज्य का नागरिक, जम्मू और कश्मीर में न संपत्ति खरीद सकता था, न ही स्थायी नागरिक बनकर रह सकता था.
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