Joshimath Sinking: आखिर क्यों ISRO ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटाईं? जानिए हैरान करने वाली वजह

 
Joshimath Sinking: आखिर क्यों ISRO ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटाईं? जानिए हैरान करने वाली वजह

Joshimath: चमोली के जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर निरंतर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। कुछ दिन पहले वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने सेटेलाइट अध्ययन में बताया था कि यहां जमीन खिसकने/धंसने की सालाना दर करीब 85 मिलीमीटर है। इसके बाद इसरो के देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान ने भूधंसाव की सालाना दर 65 से 87 मिलीमीटर बताई थी। अब इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर एनआरएससी ने सेटेलाइट चित्र जारी कर जोशीमठ क्षेत्र में 12 दिन में ही 5.4 सेंटीमीटर के धंसाव की चौकाने वाली जानकारी दी है। यह जानकारी इसरो के हवाले से प्रमुख समाचार एजेंसी पीटीआइ ने जारी की है।

हटाई गई तस्वीर

उत्तराखंड के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के आग्रह पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटाईं। मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी। बताया कि उनके द्वारा इसरो के निदेशक से इस मामले को लेकर आग्रह किया गया था। मंत्री के द्वारा कहा गया था कि इन तस्‍वीरों में राज्‍य में भय का माहौल पैदा हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि इसे लेकर अधिकृत बयान जारी करो या फ‍िर केंद्र सरकार या राज्‍य सरकार को बताइए। जिसके बाद इसरो द्वारा उक्‍त तस्‍वीरें वेबसाइट से हटवा दी गई। बता दे कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चमोली जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं और वर्तमान में आपदा की स्थिति में वह जोशीमठ में ही कैंप कर रहे हैं।

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दो अंतराल के सेटेलाइट चित्र जारी किए हैं

अप्रैल से नवंबर 2022 के मध्य किए गए सेटेलाइट .अध्ययन में कहा गया है कि सात माह में जोशीमठ की जमीन में 8.9 सेंटीमीटर (89 मिलीमीटर) का धंसाव पाया गया। 27 दिसंबर 2022 से आठ जनवरी 2023 के बीच 12 दिन के सेटेलाइट चित्र जारी किए गए हैं।भूधंसाव के सेटेलाइट चित्रों में आर्मी हैलीपैड और नरसिंह मंदिर के भूक्षेत्रों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। यह भूभाग जोशीमठ शहर के मध्य क्षेत्र में ही स्थित हैं।

20 साल में बदल सकता है जोशीमठ का नक्शा

यदि जोशीमठ में भूधंसाव की दर 12 दिन के अंतराल में 54 मिलीमीटर ही रही तो आने वाले 20 साल में क्षेत्र का नक्शा ही बदल सकता है। क्योंकि, यदि इसी दर को आधार मानें तो माहभर में ही 135 मिलीमीटर का धंसाव होगा।सालभर में यह आंकड़ा 1620 मिलीमीटर होगा और 20 साल में 32 हजार 400 मिलीमीटर यानी 3240 सेंटीमीटर होगा। मीटर में यह आंकड़ा 32.4 मीटर पहुंच जाएगा।

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