Kuno National Park: देश और मध्यप्रदेश के वन्य-जीव संरक्षण के इतिहास में 18 फरवरी को एक और नया अध्याय जुडने जा रहा है। पालपुर कूनो राष्ट्रीय उदयान की शोभा बढ़ाने दक्षिण अफ्रीका से लाये जा रहे 12 चीतों का कुनबा शामिल होने जा रहा है। इनमें 7 नर चीते और 3 मादा चीते हैं। इन 12 चीतों में से 2 चीते कोएलिशन हैं। अब कूनो में 17 चीतों का रहवास हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्म-दिन 17 सितम्बर को नामीबिया से लाये पाँच चीतों को कूनो में छोड़ा था। मध्यप्रदेश का पालपुर कुनो राष्ट्रीय उदयान वन्य-जीव प्रेमियों के लिए सबसे अनूठा गंतव्य है। कूनों में करधई, खैर और सलाई की बहुतायत वाले लुभावने जंगल हैं और विशाल घास के मैदानों में दर्जनों की संख्या में घास चरते हुए वन्यजीव हैं।

मध्यप्रदेश का पालपुर कुनो राष्ट्रीय उदयान वन्य-जीव प्रेमियों के लिए सबसे अनूठा गंतव्य है। कूनों में करधई, खैर और सलाई की बहुतायत वाले लुभावने जंगल हैं और विशाल घास के मैदानों में दर्जनों की संख्या में घास चरते हुए वन्यजीव हैं। यह क्षेत्र लगभग 350 वर्ग किलोमीटर के अभयारण्य के रूप में शुरू हुआ था और एक पत्ती के आकार का था जिसके बीचों – बीच में एक रीढ़ की हड्डी की तरह कुनो नदी बहती है। यह नदी न केवल जंगल में एक निरंतर पानी की आपूर्ति रखने और जंगल की सिंचाई करने में मदद करती है, बल्कि इससे इस संरक्षित क्षेत्र का नाम भी पड़ा है।

कूनो नेशनल पार्क के बारें में जानें
कूनो नेशनल पार्क के वन क्षेत्र में मुख्य रूप से करधई, सलाई, खैर के पेड़ों का वर्चस्व है, जो ज्यादातर मिश्रित जंगलों के बीच हैं। इससे वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ होने में भी मदद मिलती है। कुल मिलाकर, 123 प्रजातियों के पेड़, झाड़ियों की71 प्रजातियाँ, बेलों और विदेशी वनस्पति की 32 प्रजातियाँ, बाँस और घास की 34 प्रजातियाँ कूनो नेशनल पार्क में पाई जाती हैं। वर्ष 1947 में भारत में सिर्फ 3 चीते बचे थे। शिकार हो जाने से उनका अस्तित्व खत्म हो गया था और वर्ष 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया। तब से अब तक देश में फिर से चीतों के पुनर्वास के कोई सार्थक प्रयास नहीं हुए थे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चीता एक्शन प्लान को सार्थक बनाया गया। चीतों के पुनर्वास के लिये नामीबिया, साउथ अफ्रीका सहित भारत के वैज्ञानिकों और विषय-विशेषज्ञों के शोध के बाद तैयार विस्तृत चीता एक्शन प्लान के सुखद परिणाम से अब कूनो नेशनल पार्क का गौरव बढ़ा है।
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