Maan ki Baat: पीएम मोदी ने जनता को किया सावधान, कहा-'ई- कचरा को ठीक से व्यवस्थित नहीं किया गया तो...'
Maan ki Baat: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 97वें संस्करण में जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ई- कचरे से होने वाले नुकसान पर जोर देते हुए कहा कि ई- कचरा को ठीक से व्यवस्थित नहीं किया गया, तो यह हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन अगर सावधानीपूर्वक ऐसा किया जाता है, तो यह रीसायकल और पुन: उपयोग की परिपत्र अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बन सकती है.
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे कहते हैं कि आज पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के संरक्षण की बहुत चर्चा होती है. इस दिशा में भारत के ठोस प्रयासों के बारे में हम लगातार बात करते हैं. अब हमारे देश में रामसर साइट्स की कुल संख्या 75 हो गई है, जबकि 2014 से पहले देश में केवल 26 रामसर साइट्स थीं.
'भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र'
इस दौरान पीएम मन की बात में जनता को संबोधित कर कहा कि 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश लोकतंत्र की जननी भी है. लोकतंत्र हमारी रगों में हैं, हमारी संस्कृति में है. सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है. स्वभाव से हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं'.
'CRPF की महिला टुकड़ी की हो रही काफी सराहना'
फिर पीेएम मोदी ने कहा कि 'गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है. 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा. इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला ऊंट सवार और CRPF की महिला टुकड़ी भी काफी सराहना हो रही है'.
जनता की भागीदारी अभिनयानों में लाई क्रांति
वहीं पीएम मोदी ने कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाजार वर्ष दोनों का निर्णय भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है. योग भी स्वास्थ्य से जुड़ा है और बाजार भी स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दोनों अभियानों में जनता की भागीदारी के कारण एक क्रांति रास्ते पर है'.
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनजातीय समुदायों से जुड़ी चीजों के संरक्षण और उन पर शोध के प्रयास भी होते हैं. ऐसे ही टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है.
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