Maharana Pratap Jayanti 2023: इस साल मनाई जा रही प्रताप की 489 वीं वर्षगांठ,जानें उनसे जुड़े रोचक तथ्य

 
Maharana Pratap Jayanti 2023: इस साल मनाई जा रही प्रताप की 489 वीं वर्षगांठ,जानें उनसे जुड़े रोचक तथ्य

Maharana Pratap Jayanti 2023: महाराणा प्रताप ऐसे वीर योद्धा थे जिन्होंने कभी भी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की और अकबर को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. कहा जाता है कि महाराणा प्रताप 208 किलोग्राम की दो तलवारें, 72 किलोग्राम का कवच और 80 किलो के भाले लेकर युद्ध भूमि में उतरते थे. आइए जानते हैं महाराणा प्रताप से जुड़ी रोचक बातें.

महाराणा प्रताप के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने कुल 11 शादियां की थीं. राजनीतिक कारणों से हुईं इन शादियों में उनके 17 बेटे और 5 बेटियां थीं. महाराणा प्रताप के जाने के बाद राजगद्दी को उनकी पहली पत्नी अजाब्दे पंवार के बेटे अमर सिंह ने संभाला था. इतिहासकारों के मुताबिक, महाराणा प्रताप के 24 भाई और 20 बहनें थीं.

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Maharana Pratap Jayanti को लेकर हैं ये मत

मेवाड़ के वीर योद्धा शूरवीर महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर कई मत है. दरअसल, महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप की जयंती 9 मई को मनाई जाती है. इस वर्ष महाराणा प्रताप की 489 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है तो वहीं हिंदू कैलेंडर विक्रम संवत के मुताबिक 22 मई को उनका जन्म दिवस मनाते हैं.

वहीं हिंदू पंचांग के मुताबिक उनका जन्म जेठ मास की तृतीया को गुरु पुष्य नक्षत्र में हुआ था. इस कारण विक्रम संवत के अनुसार 22 मई को भी महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है. ऐसे में हर साल अंग्रेजी कैलेंडर और हिंदू पंचांग दोनों के मुताबिक ही मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है. हालांकि इस बार विक्रम संवत के मुताबिक, उनका जन्म दिवस मनाया जाएगा.

प्रताप एक मयान में रखते थे दो तलवार

महाराणा प्रताप की एक खूबी थी कि वह हमेशा अपने विशेष म्यान में दो तलवार साथ रखते थे, एक स्वंय और दूसरी दुश्मन के लिए. उन्हें उनकी मां जयवंता बाई ने नसीहत दी थी कि कभी निहत्थे शत्रु पर वार मत करो. उसे अपनी अतिरिक्त तलवार दो और फिर ललकारो. इसका उदाहरण हल्दीघाटी के युद्ध में देखने को मिला जब प्रताप को युद्ध से पहली शाम गुप्तचरों ने सूचना दी कि मानसिंह कुछ साथियों के साथ शिकार पर है और लगभग निहत्था है तो प्रताप ने कहा निहत्थे पर कायर वार करते हैं हम योद्धा हैं, कल हल्दीघाटी में मानसिंह का सिर कलम करेंगे.

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