Manish Sisodia को नही मिली राहत, 20 मार्च तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री रहे सिसोदिया को सीबीआई ने आबकारी घोटाले में 25 फरवरी को गिरफ्तार किया था. सीबीआई की तरफ से विशेष जज को बताया गया कि फिलहाल उसे सिसोदिया की हिरासत की जरूरत नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया.
बता दें कि गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को 5 दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में भेजा गया था. उसके बाद कोर्ट ने उनकी सीबीआई हिरासत और 2 दिनों के लिए बढ़ाई थी. आज सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि अभी उसे आरोपी की और हिरासत नहीं चाहिए. भविष्य में अगर इसकी जरूरत पड़ेगी, तो आवेदन दिया जाएगा.
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जेल भेजे जाने का आदेश आने के बाद मनीष सिसोदिया के वकीलों ने उन्हें जेल में चश्मा, डायरी, पेन और श्रीमद्भागवत गीता दिए जाने का अनुरोध किया. विशेष सीबीआई जज एम के नागपाल ने इसे स्वीकार कर लिया. इसके बाद मनीष सिसोदिया की तरफ से यह मांग भी की गई कि उन्हें जेल में विपश्यना सेल में रहने दिया जाए, ताकि वह आध्यात्मिक ध्यान कर सकें. जज ने इस पर सीधे आदेश देने की बजाय कहा कि जेल नियमों के मुताबिक इस पर विचार हो.
केजरीवाल सरकार पर नियमों को तोड़ने और शराब की दुकान के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगा है. 5 दिन की सीबीआई हिरासत की अवधि समाप्त होने पर शनिवार को अदालत में पेश किए गए सिसोदिया ने दावा किया कि था वह ‘‘आठ से नौ घंटे तक बैठे रहे और बार-बार एक ही सवाल का जवाब दे रहे हैं.'' सिसोदिया ने इसे 'मानसिक उत्पीड़न' करार दिया. इस पर, पिछली सुनवाई पर सीबीआई को आरोपी पर ‘थर्ड डिग्री' का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश देने वाले न्यायाधीश ने जांच एजेंसी से कहा कि ‘‘एक ही सवाल बार-बार न पूछें, यदि आपके पास कुछ नया है, तो उनसे पूछें''
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