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Weather Update: मौसम विभाग का अनुमान, सितंबर में यूपी-बिहार में हो सकती है भारी बारिश, जानें देश का हाल

 

Weather Update: भारत में इस मानसून में छह प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मणिपुर, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के व्यापक हिस्से में कम वर्षा होने की सूचना है जिससे इस खरीफ मौसम में धान की फसल पर बुरा असर पड़ा है. महापात्रा ने कहा कि सितंबर में वर्षा में संभावित वृद्धि से पश्चिम और दक्षिण उत्तर प्रदेश तथा उत्तर-पश्चिोत्तर बिहार के कई हिस्सों में बारिश में कमी की भरपाई में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में सितंबर में औसत वर्षा 109 प्रतिशत रहने की संभावना है, इस माह के लिए दीर्घावधि औसत वर्षा 167.9 मिलीमीटर है।

बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र बनने के संकेत मिलने के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि उत्तर प्रदेश एवं बिहार के उन हिस्सों में मानसून के लौटने से पहले अभी और वर्षा हो सकती है जिनमें इस मौसम में अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में दक्षिणपूर्व मानसून के शीघ लौट जाने के पिछले सप्ताह के अनुमान को खारिज कर दिया तथा मौसम की वर्षा अधिक समय तक होने की घोषणा की।

देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम रहने की संभावना है केवल पूर्व और उत्तर पूर्व भारत के कई भागों, मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर, जहां अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है । देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है केवल उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों को छोड़कर, जहां न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है ।

वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति प्रचलित है । नवीनतम एमएमसीएफएस/ MMCFS पूर्वानुमान इंगित करता है कि ला नीना की स्थिति वर्ष के अंत तक जारी रहने की संभावना है । अन्य जलवायु मॉडल भी आगामी सीज़न के दौरान ला नीना की स्थिति के जारी रहने का संकेत दे रहे हैं । वर्तमान में हिंद महासागर में नकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित हो रही हैं और नवीनतम एमएमसीएफएस/ MMCFS पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि आगामी महीनों के दौरान नकारात्मक आईओडी की स्थिति मजबूत होने की संभावना है ।