नागपंचमी पर सजा खेरेपति महादेव धाम, साल में एक बार लगता है आस्था का मेला
सौरभ ओमर, सावन की नागपंचमी पर कानपुर शहर के हृदयस्थल में स्थित खेरेपति महादेव मंदिर में आस्था का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यहां साल में एक बार विशेष रूप से नागपंचमी के दिन भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जो न सिर्फ भक्तों के लिए धार्मिक आस्था का केंद्र बनता है, बल्कि एक अनूठी लोक परंपरा का भी साक्षी होता है।
इस ऐतिहासिक मंदिर की विशेषता यह है कि वर्षों पहले सपेरे दूर-दूर से यहां पहुंचते थे और जीवंत नागों से भोलेनाथ का श्रृंगार किया जाता था। यह परंपरा लोगों की श्रद्धा और सांपों के प्रति आदर का प्रतीक मानी जाती थी। हालांकि समय के साथ यह परंपरा अब परिवर्तित हो चुकी है। अब शिवलिंग का श्रृंगार फूलों, बर्फ और पारंपरिक पूजा सामग्री से किया जाता है, लेकिन नागों की उपस्थिति आज भी इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए है।
"On Nag Panchami, the Kherepati Mahadev Temple in Kanpur hosts a grand mela, blending devotion and tradition with live snakes and vibrant celebrations! 🐍🙏 #NagPanchami #KherepatiMahadev #Kanpur pic.twitter.com/kv3ocVJitj
— The Vocal News (@thevocalnews) July 30, 2025
मंदिर के बाहर आज भी सपेरे अपने जीवित नागों के साथ मौजूद रहते हैं। भक्त शिवलिंग के दर्शन के बाद नागदेवता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूरे परिसर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है, ढोल-नगाड़ों और हर हर महादेव के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
खेरेपति महादेव मंदिर की यह परंपरा आज भी कानपुर की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था का गौरवशाली प्रतीक बनी हुई है।