Registration Bill 2025: न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 क्या है और आपके लिए क्यों ज़रूरी है?

 
Registration Bill 2025: न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025 क्या है और आपके लिए क्यों ज़रूरी है?

अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। केंद्र सरकार ने मई 2025 में नया रजिस्ट्रेशन बिल 2025 का ड्राफ्ट पेश किया है, जो पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और पेपरलेस बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 को पूरी तरह आधुनिक करने की तैयारी है ताकि लोग घर बैठे ऑनलाइन तरीके से प्रॉपर्टी रजिस्ट्री करवा सकें।

क्या है न्यू रजिस्ट्रेशन बिल 2025?

27 मई 2025 को पेश किया गया यह बिल एक ड्राफ्ट कानून है जो पारंपरिक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का प्रस्ताव देता है। इस बिल के तहत लोग अब घर बैठे ही डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकेंगे, ऑनलाइन वेरिफिकेशन और शुल्क भुगतान भी कर सकेंगे।

पुराने कानून से कैसे अलग है यह बिल?

पहले तहसील या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। नए बिल में सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी। प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित और भरोसेमंद होगी।

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सरकार क्यों लाना चाहती है नया रजिस्ट्रेशन सिस्टम?

1908 का कानून आज के डिजिटल युग में अप्रासंगिक हो चुका है। अब बैंकिंग, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से लेकर पहचान पत्र तक सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है, ऐसे में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री भी डिजिटल होनी चाहिए। इससे भ्रष्टाचार कम होगा, दलालों पर निर्भरता घटेगी और नागरिकों को आसानी होगी।

किन लोगों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?

  • कामकाजी वर्ग: जिन्हें छुट्टी लेना मुश्किल होता है

  • सीनियर सिटिज़न: जिन्हें फिजिकल रूप से रजिस्ट्री कराने में दिक्कत होती है

  • NRI: जो भारत आकर रजिस्ट्री नहीं करा सकते

  • आम नागरिक: जो तेज़ और भरोसेमंद सिस्टम चाहते हैं

अपनी राय कैसे दें?

सरकार ने इस ड्राफ्ट पर जनता से सुझाव मांगे हैं। इच्छुक लोग dolr.gov.in पर जाकर ड्राफ्ट पढ़ सकते हैं और वहीं दिए गए ईमेल या फॉर्म के माध्यम से 25 जून 2025 तक सुझाव भेज सकते हैं।

कब लागू हो सकता है यह बिल?

यह बिल अभी ड्राफ्ट स्टेज पर है। सुझावों के बाद इसे संसद में रखा जाएगा। अनुमान है कि इसे जुलाई या अगस्त 2025 के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

चुनौतियाँ क्या हैं?

  • डिजिटल सुविधाओं की कमी: ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट या डिवाइस की समस्या

  • डिजिटल साक्षरता: बुज़ुर्ग या अशिक्षित लोग तकनीक में सहज नहीं

  • पुराने डॉक्यूमेंट्स का डिजिटलीकरण

  • साइबर सिक्योरिटी का खतरा

  • कर्मचारियों की ट्रेनिंग और प्रशासनिक बदलाव

सरकार को इन सभी चुनौतियों के लिए मज़बूत तकनीकी, सुरक्षा उपाय और जनजागरूकता अभियान चलाने होंगे ताकि यह कानून सफलतापूर्वक लागू हो सके।

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