New Rule: हफ्ते में 48 घंटे होंगे काम, वेतन पर भी पड़ेगा असर
सूत्रों के अनुसार देश में अगले 4 साल तक श्रम संहिताएं लागू किए जा सकते हैं। मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध, व्यवसाय सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम संहिताएं अगले साल तक लागू गिर जाने की पूर्ण संभावना है। इसके तहत कई नियम बनाए गए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के कहे के अनुसार केंद्र की तरफ से पहले ही इन संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है तो, आवश्यक है कि अब राज्य भी अपनी ओर से नियम बनाये। क्योंकि श्रम केंद्र और राज्य दोनों सूची में आता है, यानी समवर्ती सूची में आता है। इसलिए केंद्र और राज्य दोनों ही इसमें शामिल होंगे।
माना जा रहा है कि श्रम संहिताएं के तहत कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे यानी 4 दिन 12:00 12 घंटे काम करने को कहा जा सकता है। पर अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन सिर्फ 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा। श्रम संहिताएं मामले में अब तक 13 राज्यों द्वारा ही केवल मसौदा नियम प्रकाशित कर दिए हैं।
भूपेंद्र यादव(केंद्रीय श्रम, रोजगार और पर्यावरण मंत्री ) ने हफ्ते की शुरुआत में ही राज्यसभा में एक जवाब में स्वरूप कहा था कि, कम से कम 13 राज्यों ने मसौदा नियमों को पूर्व-प्रकाशित किया उसका सिर्फ व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता ही एकमात्र कोड है।
सबसे अधिक मसौदा अधिसूचनाएं पूर्व प्रकाशित की गई है। 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा मजदूरी संहिता पर। वहीं पर सामाजिक सुरक्षा संहिता 18 राज्यों द्वारा और औद्योगिक संबंध संहिता 20 राज्यों द्वारा अमल किया जाता है।