उत्तराखंड: मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत पर अब विधायक बनने की चुनौती, जानें कहा से लड़ेंगे उपचुनाव
उत्तराखंड का नवनियुक्त मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में तीरथ सिंह रावत के लिए विधायक बनने की कुर्सी पर बैठने के लिए चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ना शुरू कर दिया है. बतादे, लोकसभा सांसद से मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत को छह महीने के अंदर विधानसभा में चुनकर आना है. वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, अभी इस पर सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि, सोशल मीडिया में उनके चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ने की खबरें वायरल हुईं तो वहां से विधायक सतपाल महाराज ने इसे निराधार बताकर संकेत दिए कि वह यह सीट छोड़ने वाले नहीं हैं.
इस बीच सीमांत जनपद चमोली की बदरीनाथ सीट से खबर आई कि विधायक महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री को अपनी सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की है, उन्होंने बताया कि 'मैंने उन्हें अपनी सीट से चुनाव लड़ने का निमंत्रण दिया है'. बकौल भट्ट, मुख्यमंत्री पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं, मेरी विधानसभा सीट उनके संसदीय क्षेत्र में आती है.
साथ ही भट्ट ने यह भी कहा कि बदरीनाथ सीमांत सीट है. वहां विकास की बहुत अपेक्षा है, मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री बदरीनाथ विधानसभा सीट से प्रतिनिधित्व करें. सूत्रों के मुताबिक, त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रहे एक विधायक ने भी दूरभाष पर तीरथ को सीट छोड़ने की पेशकश की है.
तीरथ के लिए इन सीटों का है विकल्प
विधानसभा सीटों के ऐसे कई विकल्प हैं, जहां तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़ सकते हैं. इनमें डोईवाला, श्रीनगर और कोटद्वार विधानसभा सीट प्रमुख हैं.सूत्रों के अनुसार भाजपा नवनियुक्त मुख्यमंत्री को इन तीनों में से किसी एक सीट पर उपचुनाव लड़ा सकती है.
एक विकल्प यह है कि भाजपा डोईवाला विस सीट खाली करे और वहां से विधायक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पौड़ी लोस सीट से उपचुनाव लड़ाए. पौड़ी संसदीय सीट में शामिल श्रीनगर और कोटद्वार में से कोई एक सीट तीरथ के लिए खाली की जा सकती है.
लेकिन जब यह सवाल मुख्यमत्री तीरथ सिंह रावत से पूछा गया तो उनका जवाब था "मैं किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ूंगा, यह वक्त आने पर तय हो जाएगा"
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