Odisha Train Accident: ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम है क्या ? इस हादसे को कैसे रोकता, जानें सबकुछ

 
Odisha Train Accident: ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम है क्या ?  इस हादसे को कैसे रोकता, जानें सबकुछ

Odisha Train Accident:  ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुआ ट्रेन हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के कई कोच तबाह हो गए। एक इंजन तो मालगाड़ी के रैक पर ही चढ़ गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि खिड़कियों के कांच टूट गए और करीब 50 लोग बाहर जाकर गिरे 900 लोग घायल हुए और 288 लोगों ने जिंदगी गंवा दी।अगर हमारे पास रेल कवच एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम उस समय होता तो ये हादसा नहीं होता। इसे ‘ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम’ यानी TCAS कहते हैं। यह भारत में 2012 में बनकर तैयार हुआ था। इंजन और पटरियों में लगे इस डिवाइस की मदद से ट्रेन की ओवर स्पीडिंग को कंट्रोल किया जाता है।

खतरे को भांप करता है काम

इस तकनीक में किसी खतरे का अंदेशा होने पर ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाता है। तकनीक का मकसद ये है कि ट्रेनों की स्पीड चाहे कितनी भी हो, लेकिन कवच के चलते ट्रेनें टकराएंगी नहीं।सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 सर्टिफाइड रेल कवच को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन यानी RDSO ने बनाया है।

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दो ट्रेनों के बीच टक्कर को आखिर रोकता


इस टेक्नोलॉजी में इंजन माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी GPS और रेडियो संचार के माध्यम सिग्नल सिस्टम और कंट्रोल टावर से जुड़ा होता है। यह ट्रेन के ऐसे दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकता है, जिनमें रेल कवच सिस्टम काम कर रहा हो।

दो ट्रेनें आने पर कवच ऐसे रोकेगा हादसा

  • अगर रेड सिग्नल है तो ड्राइवर को दो किलोमीटर पहले ही इंजन में लगे डिसप्ले सिस्टम में यह दिख जाएगा।
  • इसके बावजूद यदि ड्राइवर रेड सिग्नल की अनदेखी करता है और स्पीड को बढ़ाता है तो कवच एक्टिव हो जाता है।
  • कवच तुरंत ड्राइवर को अलर्ट मैसेज भेजता है। साथ ही इंजन के ब्रेकिंग सिस्टम को सक्रिय कर देता है।
  • ड्राइवर के ब्रेक नहीं लगाने पर भी ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाते हैं और एक सेफ डिस्टेंस पर यह ट्रेन रुक जाती है। यानी दोनों ट्रेनों के बीच आमने-सामने की टक्कर नहीं होती है।

घने कोहरे में भी हादसे से बचाएग

सर्दियों में ट्रेन का ड्राइवर घने कोहरे की वजह से सिग्नल की अनदेखी कर देता है। यानी उसे यह नहीं पता चल पाता है कि सिग्नल ग्रीन है या रेड।ऐसी स्थिति में रेल कवच ऑटोमैटिक ब्रेक लगाकर स्पीड को कंट्रोल में करता है। इससे घने कोहरे में भी सेफ तरीके से ट्रेन चलाने में मदद मिलती है और हादसा नहीं होगा।

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