Pariksha Pe Charcha: पीएम नरेंद्र मोदी ने लाखों छात्रों के साथ शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक पीएम के साथ प्रस्तावित परीक्षा पे चर्चा के लिए इस बार 38.80 लाख से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं।परीक्षा पे चर्चा देश ही नहीं विदेश में भी लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, इस बार 155 देशों के छात्रों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। हालांकि इनमें से ज्यादा भारतीय मूल के ही छात्र हैं। वहीं, पिछले साल के मुकाबले इस बार चर्चा के लिए दोगुने से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं।
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शिक्षक विद्यार्थियों के साथ बढ़ाएं अपनापन
हमारे शिक्षक विद्यार्थियों के साथ जितना अपनापन बढ़ाएंगे उतना बेहतर होगा। जब विद्यार्थी आपसे सवाल करता है तो उसका लक्ष्य आपके ज्ञान को परखना नहीं है। विद्यार्थी की जिज्ञासा ही उसकी बहुत बड़ी अमानत है।
तमिल भाषा पर हमें गर्व होना चाहिए
मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उस देश को गर्व होना चाहिए। UN में मैंने जानबूझकर कुछ तमिल भाषा से जुड़ी बातें बताई क्योंकि मैं दुनिया को यह दिखलाना चाहता था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा हमारे पास है।
एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर नहीं रुकता
हम दिन-रात हम कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं। हम अपने लिए जियें, अपने में जियें, अपनों से सीखते हुए जियें। सीखना सबसे चाहिए लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए। एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है।
आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट
मोदी ने कहा कि सबसे पहले तो आपको यह निर्णय करना है कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट हैं। कभी-कभी आप खुद से ज्यादा स्मार्ट अपने गैजेट को मान लेते हैं और गलती वहीं से शुरू होती है। आप जितना स्मार्टली गैजेट का इस्तेमाल करेंगे उतने ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।
सत्य को स्वीकार करें
एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है, तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं तब वे ऊंचाई पर जाते हैं।
नकल करने वाले छात्रों को सलाह
पीएम ने कहा कि कुछ छात्र नकल करने के तरीके ढूंढने में तेज होते हैं। ऐसे छात्र छोटे-छोटे अक्षरों की पर्चा बनाते हैं। इसके बजाय ऐसे छात्रों को इस टैलेंट का इस्तेमाल सीखने में लगाना चाहिए। छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब जिंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है। इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा, लेकिन जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा।