PM Modi Birthday: मां से मिलने गुजरात आ सकते हैं पीएम मोदी, जानें क्या-क्या हैं तैयारियां
PM Narendra Modi Birthday: हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर यानी कल अपना 72वां जन्मदिन मनाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर शनिवार को गुजरात के गांधीनगर जा सकते हैं। माना जा रहा है कि वह अपने जन्मदिन पर मां हीराबेन से मुलाकात कर उनका आर्शीवाद लेंगे. प्रधानमंत्री मोदी अक्सर अपने जन्मदिन पर मां हीराबेन से मिलने गुजरात जाते हैं. इसलिए संभावना है कि इस बार भी वह गांधीनगर जाएंगे. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बता दें कि मोदी की मां हीराबा गांधीनगर में ही रहती हैं.इससे पहले वह मां के जन्मदिन पर गांधीनगर गए थे और माता का आर्शीवाद लिया था
एलजी मेडिकल कॉलेज का नाम बदला जाएगा
गुजरात में अहमदाबाद के एलजी मेडिकल कॉलेज का नाम बदला जाएगा। बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज नया नाम होगा। ये फैसला अहमदाबाद नगर निगम ने किया है। नाम बदलने का ये प्रस्ताव अहमदाबाद नगर निगम की मीटिंग में लाया गया। एएमसी एमईटी मेडिकल कॉलेज मणिनगर, अहमदाबाद में एक मेडिकल कॉलेज है। कॉलेज की स्थापना 2009 में हुई थी और इसका रखरखाव अहमदाबाद नगर निगम के मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। यह गुजरात विश्वविद्यालय और शेठ एल.जी. अस्पताल (शेठ लालूभाई गोरधनदास नगर अस्पताल, मणिनगर, अहमदाबाद) से संबद्ध है। कॉलेज की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी, जो उस समय मणिनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे।
गुजरात में आयोजित होगा ' सेवा पखवाड़ा
भाजपा बूथ स्तर तक जाकर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ' सेवा पखवाड़ा ' के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का फैसला किया है।प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक भाजपा के कार्यकर्ता देश के सभी जिलों में समाज सेवा से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन कर सीधे आम जनता से संवाद करेंगे और उनकी सहायता करेंगे।इस ' सेवा पखवाड़ा ' के दौरान भाजपा देश के सभी जिलों में रक्तदान शिविर और निशुल्क स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के साथ-साथ देश के सभी जिलों में दिव्यांगों को कृत्रिम अंग एवं उपकरणों का वितरण भी करेगी। सभी जिलों के बूथों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य के साथ ही भाजपा कार्यकर्ता एक वर्ष के लिए रोगी के भोजन, पोषण एवं आजीविका के संबंध में भी अपना योगदान देंगे।