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यौन उत्पीड़न रोकने के लिए Posh Act को करना होगा प्रभावी ढंग से लागू, पॉश कॉन्क्लेव में बोली स्वाती मालीवाल

 

पॉश कॉन्क्लेव का आयोजन नई दिल्ली में 29 मार्च 2023 को कौशल विकास और प्रशिक्षण (CSDT) की पहल के केंद्र “नो मीन्स नो” की ओर से किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉक्टर पिंकी आनंद ने किया।

उन्होंने कहा कि वर्कप्लेस में महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने और यौन उत्पीड़न रोकने के लिए Posh Act का प्रभावी ढंग से लागू करना बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि देश में वर्कप्लेस पर महिलाओं का यौन उत्पीाड़न रोकने के लिए 2013 में कानून बनाया गया था। इसे पोश एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट) कहा जाता है।

स्वाति मालिवाल ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने इस कार्यक्रम में कई प्रमुख वक्ताओं के साथ टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता की , कॉरपोरेट वर्ल्ड में सेक्स उत्पीड़न निषेध अधिनियम (पॉश एक्ट) को प्रभावी तरीके से लागू करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न अभी भी ऐसा विषय माना जाता है, जिसकी चर्चा समाज में खुले रूप में नहीं की जा सकती। यही कारण है कि अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामलों की अधिकांश महिलाएं शिकायत नहीं दर्ज कराती। इसलिए संस्थानों को इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और महिलाओं को इससे निपटने का प्रशिक्षण देना चाहिए। उन्होंने “नो मीन्स नो” को इस तरह के विशाल कॉन्क्लेव का आयोजन करने के लिए बधाई दी। उन्होंने इस कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधियों को बधाई दी।

500 से ज्यादा संस्थानों में एक्ट को लागू करने का प्रयास जारी

“नो मीन्स नो” के संस्थापक श्री विशाल भसीन ने सेक्स उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के प्रति जागरूकता बढ़ने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा संस्थान यह समझने लगे हैं कि सेक्स उत्पीड़न एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने बताया कि वह 2013 से यौन त्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम को लागू करने के सफर का हिस्सा बने हैं। वह इस समय भारत के 500 से ज्यादा संस्थानों में यौन उत्पीड़न निरोधक अधिनियम (पॉश एक्ट) को प्रभावी ढंग से लागू करने में जुटे हैं।

श्री विपिन पचौरी Co Founder CSDT, ने इस कॉन्क्लेव में लोगों की जबर्दस्त उपस्थिति और स्करिय भागीदारी पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कॉन्क्लेव में लोगों की काफी अधिक संख्या में भागीदारी से वास्तव में कॉरपोरेट्स के परंपरागत विचारों में बदलाव की झलक मिलती है। उन्होंने वर्कप्लेस पर यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच करने वाली इंटरनल कमिटी के सदस्यों को प्रशिक्षित करने की जरूरत पर भी जोर दिया, जिससे पूर्ण रूप से निष्पक्ष और मामले के सभी पहलों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा सके।

स्टीलकेस इंडिया में एचआर विभाग के हेड श्री गौरव ठाकुर ने दो सूचनाप्रधान पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता की, जिसकी कॉन्क्लेव में मौजूद सभी प्रतिनिधियों की काफी सराहना की।

100 से ज्यादा प्रतिनिधि हुए शामिल

इस कॉन्क्लेव में 100 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने 40 से ज्यादा संस्थाओं का प्रतिनिधित्व किया। इसमें नेस्ले, फर्न्स एंड पीटल्स, बिग एफएम, जीएमआर, भारतीय नौसेना, आईआरसीटीसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, एयरटेल, हीरो और टाटा ग्रुप ऑफ कंपनियों के साथ कई अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर 15 प्रमुख विषय के विशेषज्ञ वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया, जिन्होंने पोश एक्ट को लागू करने में आने वाली विभिन्न चुनौतियों केसंबंध में विचार-विमर्श किया और इसे लागू करने के कई असाधारण तरीकों को भी शेयर किया।

इस कॉन्क्लेव के अंत में वर्कप्लेस पर महिलों का यौन उत्पीड़न रोकने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर पॉश एक्ट पर एक हैंडबुक का विमोचन भी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने किया। वह इस कॉन्क्लेव को टेक्निकल सेशन की मुख्य अतिथि थीं। मिस मालिवाल ने इस बेमिसाल पहल के लिए नो मीन्स नो के संस्थापकों को बधाई दी। उन्होंने भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की जरूरत बताई, जिससे वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और इसके बारे में रिपोर्ट करने के प्रति जागरूकता बढ़ सके और महिलाएं इस तरह के मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।

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