OBC सांसोधन बिल को राष्ट्रपति ने दी मंज़ूरी, जानें क्या हैं यह बिल?
राज्यों को OBC की लिस्टिंग करने का अधिकार देने वाले बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अब यह कानून बन गया है. इसके तहत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्तर पर OBC आरक्षण के लिए जातियों की सूची तय करने और उन्हें कोटा देने का अधिकार होगा. बतादें, ओबीसी संशोधन बिल को मॉनसून सत्र के दौरान पहले लोकसभा और बाद में राज्यसभा से पास कराया गया था. इस बिल को सभी पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने समर्थन दिया था.
9 अगस्त को ओबीसी संशोधन बिल, 2021 (OBC Amendment Bill 2021) पेश किया था. लोकसभा में बिल पर वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 385 वोट पड़े. वहीं, विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. बिल का नाम संविधान (127वां संशोधन) विधेयक-2021 है. संसद में 127वां संशोधन संविधान के अनुच्छेद 342A(3) में बदलाव के लिए लाया गया था. इसके बाद राज्य OBC की लिस्ट अपने हिसाब से तैयार कर सकते हैं.
क्या है ओबीसी आरक्षण कानून ?
ओबीसी आरक्षण बिल (OBC reservation bill) को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बने इस कानून में अब राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य पिछड़ा वर्ग की लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिला है. यानी हर राज्य अब पिछड़े वर्गों की सूची बना सकता है और उसे बनाए रख सकता है. पहले यह अधिकार राज्यों के पास नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के पास था.
दरअसल, मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर अहम टिप्पणी की थी. आरक्षण पर पुर्नविचार से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करने की मांग खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार राज्यों के पास नहीं, बल्कि केंद्र के पास है. इसके बाद केंद्र सरकार ने ओबीसी सूची तय करने का अधिकार राज्यों को देने के लिए 127वां संविधान संशोधन विधेयक (127th constitutional amendment) लाने की पहल की.
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