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राहुल की संसद सदस्यता अयोग्यता पर आग-बबूला हुईं प्रियंका गांधी, 'संकल्प सत्याग्रह' में कह डाली ये बात

 

Rahul Gandhi disqualified: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। इसके खिलाफ कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है। इसी क्रम में पार्टी की ओर से राजघाट पर 'संकल्प सत्याग्रह' किया। इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान वह भाई राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने के चलते आग-बबूला नजर आईं। प्रियंका ने अपने पिता राजीव गांधी की मौत को याद किया और कहा कि इस देश की मिट्टी में उनका खून है। शहीद पीएम का बेटा देश का अपमान नहीं कर सकता।

अहंकारी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाए

प्रियंका गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने राष्ट्रीय एकता के लिए हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा की। अब वक्त आ गया है कि अहंकारी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाए। राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से रोकना देश और इसके लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को उद्योगपति गौतम अदाणी के मामले में प्रधानमंत्री से सवाल पूछने के लिए अयोग्य किया गया।

किस कानून के तहत राहुल गांधी हुए अयोग्य?

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ के अधिवक्ता परिषद के प्रान्त महामंत्री प्रशांत एम हरने जी ने बताया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, एक सांसद/विधायक को किसी भी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल के लिए कारावास घोषित किया जाता है, अदालत द्वारा सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, किसी भी अपराध के लिए दोषी पाए गए सांसद/विधायक को सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा, शिकायत में कहा गया है। सदस्याता समाप्त हो गए है।

मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी ने भी सदस्यता गंवाई थी

सांसदी जाने का गांधी परिवार के साथ यह पहला मामला नहीं है। बल्कि राहुल की मां (सोनिया गांधी) और दादी (पूर्वपीएमइंदिरा गांधी) भी एक-एक बार अपनी लोकसभा सदस्यता से हाथ धो बैठे हैं। इससे पहले साल 1978 में राहुल की दादी इंदिरा गांधी ने सदस्यता गंवाई थी। वहीं सोनिया रजाने गांधी रायबरेली से सांसद थीं। इसके साथ ही वह यूपीए सरकार के समय गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरमैन भी थीं, जिसे ' लाभ का पद करार दिया गया था। इसकी वजह से सोनिया गांधी को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था, उन्होंने रायबरेली से दोबारा चुनाव लड़ा था।

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