अजीबो-गरीब नियम: सोसायटी में छात्राओं के रहने पर लगाई गई पाबंदी, एक महीने में शिफ्ट करने के निर्देश
बाहर शहरों में सोसायटी वालों के अजीबो-गरीब नियम से लोग परेशान होते रहते हैं. बाहर शहरों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कमरा मिलना भी आज के समय में एक बड़ी बात हो गई है. वहीं अहमदाबाद (Ahmedabad) से ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर हर कोई हैरान है. अहमदाबाद की एक हाउसिंग सोसाइटी ने छात्राओं के लिए अजीबो-ग़रीब नियम बना दिए हैं. नियम के तहत कहा गया है कि सोसायटी में लड़कियों को नहीं रखा जाएगा. इसके लिए सोसायटी वालों ने गेट पर बाउंसर्स तक तैनात दिए हैं.
वैष्णोदेवी अहमदाबाद के पास स्थित खोराज की रतना पैराडाइस हाउसिंग सोसाइटी ने बीते 1 सितंबर को निरमा यूनिवर्सिटी की छात्राओं को सोसाइटी से दूर रखने के लिए बाउंसर्स तैनात किए. Ahmedabad Mirror की रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक मकान मालिक योगेश पटेल का कहना है कि उन्होंने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के रहने के लिए और एक अन्य फ़्लैट निरमा यूनिवर्सिटी की छात्राओं को किराए पर देने के लिए लिया. उनके और बिल्डर के बीच ये सहमति थी कि योगेश छात्राओं को रहने की जगह देंगे.
एप्लीकेशन फाइल को नहीं किया गया मंजूर
योगेश ने बताया कि सोसायटी के बाहर उन पर हमला करने की साजिश थी और इसके सुबूत भी हैं. योगेश ने ये भी कहा कि उन्होंने एप्लीकेशन फाइल करने प्रयास किया लेकिन ASI ने मंज़ूर नहीं किया. उसने मुझसे पूछा कि क्या लड़कियों को किराये पर मकान देने का लाइसेंस है. फिर वह बोले कि ऐसा कोई लाइसेंस नहीं लगता तो उसने मुझे फ़्लैट खाली करके चले जाने को कह दिया'.
इश मामले में योगेश पटेल के घर पर किराए पे रह रही लड़कियों को सोसायटी से कहीं और शिफ़्ट करने के लिए एक महीने की इजाजत दी गई. ऐसा न कर पाने पर सोसाइटी वालों ने ख़ुद लड़कियों को शिफ़्ट करने की बात कही. लड़कियों ने राज्य के DGP को चिट्ठी लिखकर कहा है कि यूनिवर्सिटी में सभी लड़कियों के रहने की जगह नहीं है इसलिए वे बाहर रहने को मजबूर हैं.
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