देश को मिल सकता है पहला समलैंगिक जज, कौन हैं?
समलैंगिक! यह शब्द आज भी देश के लिए अधूरा अद्भुत और अछूत है। आर्टिकल 15 बिल्कुल उस 'दहेज' शब्द की तरह है जो कानून की किताब पर लिखा हुआ है असल में नहीं। इसके बाद भी बहुत कुछ परिवर्तन हो रहा है। अभी तो आजादी के इतने साल के बाद देश को पहला समलैंगिक जज मिलने का भरोसा है।
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश बनाने की सिफ़ारिश की है। अगर उन्हें इस पद को संभालने की जिम्मेदारी मिलती है तो भारत के पहले समलैंगिक न्यायाधीश होंगे।
दिल्ली में सेंट स्टिफन कॉलेज से ग्रैजुएशन फिर स्कॉलरशिप से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई। इसके बाद जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया और फिर 1990 में भारत आ कर दो दशकों तक सुप्रीम कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस कर रहे हैं।
धारा 377 के मामले में जब भारत सरकार बनाम नवतेज सिंह जौहर का मामला चल रहा था। तब नवतेज सिंह जौहर की याचिका मामले उनके वकीलों में शामिल थे।