Union Budget 2023-24: हेल्थ सेक्टर को इस बार बजट 2023 से काफी उम्मीदें, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना हो सभी के लिए

 
Union Budget 2023-24: हेल्थ सेक्टर को इस बार बजट 2023 से काफी उम्मीदें, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना हो सभी के लिए

Union Budget 2023-24: आज यानी एक फरवरी को आने वाले बजट (Budget 2023) से बीमा सेक्टर (Insurance Sector) को बहुत उम्मीदें हैं। यह सेक्टर खासकर हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पर लगाए गए 18 फीसदी GST में कटौती की उम्मीद कर रहा है। बीमा सेक्टर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार हेल्थ इंश्योरेंस पर लगाए जीएसटी में कटौती करती है तो उनके लिए बड़ी राहत हो सकती है। अगर आगामी बजट में वित्त मंत्री स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी करती है तो यह लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। जानतें हैं सीएम गौतम जैन से कि क्या हेल्थ सेक्टर में उम्मीद लगाई जा सकती है।

हेल्थ सेक्टर को इस बार बजट 2023 से काफी उम्मीदें

"देश की बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को दर्शाने के लिए केंद्रीय बजट में मानसिक स्वास्थ्य के लिए धन को भारत के स्वास्थ्य देखभाल बजट के कम से कम 10% तक बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत सरकार को व्यापक मानसिक स्वास्थ्य के लिए अलग से धन निर्धारित करना चाहिए। स्वास्थ्य देखभाल। योग, ध्यान, ध्वनि चिकित्सा, और अन्य विश्राम तकनीकों जैसे पारंपरिक अभ्यासों को प्राथमिकता देना आवश्यक है,"

WhatsApp Group Join Now

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना हो सभी के लिए

लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रॉजेक्ट आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को भी मामूली प्रीमियम के साथ आम जनता के लिए खोला जा सकता है। 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर शुरुआती दौर में ही अनुमान जताया जा रहा था कि अगले कुछ वर्षों में सरकार इस योजना को जन सामान्य के लिए भी शुरू कर सकती है। इसके लिए लोगों को सामान्य प्रीमियम भरना होगा, जिस तरह केंद्र सरकार ने 12 रुपये मासिक प्रीमियम के साथ दुर्घटना बीमा शुरू किया था, उसी तरह से स्वास्थ्य बीमा को लेकर भी लोगों को उम्मीदें हैं। अभी तक यह योजना फ्री है और वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ही उपलब्ध है। पिछले 3 वर्षों में सरकार ने इसमें सरकारी हेल्थ सेक्टर के कर्मचारियों और श्रमिक वर्ग को भी शामिल किया है।

कम प्रीमियम और ज्यादा हों सुविधाएं

बाजार में जो हेल्थ पॉलिसीज हैं, उनमें अधिकांश में ओपीडी कवर नहीं है। यदि कोई आवेदक ओपीडी कवर भी लेना चाहता है तो उसे 5 से 7 हजार रुपये अतिरिक्त प्रीमियम देना पड़ता है। अतिरिक्त प्रीमियम भरने पर भी कई कंपनियां ओपीडी कवर नहीं दे रहीं। बीते कुछ वर्षों में हेल्थ पॉलिसी भी महंगी हुई हैं, जो पॉलिसी पहले 5 लाख रुपये और परिवार के 3 सदस्यों को महज 14 हजार रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर कवर देती थीं, वही पॉलिसी अब 18 हजार रुपये तक पहुंच गई है। लोगों को उम्मीद है कि सरकार हेल्थ पॉलिसियों के प्रीमियम को कम करके सुविधाओं को और ज्यादा बढ़ाएगी।

Budget 2023 में टैक्स छूट की उम्मीद की जा रही है।

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और हेल्थ इंश्योरेंस की लिमिट को लेकर विभिन्न बीमाकर्ता छूट की लिमिट को बढ़ाए जाने की बात कर रहे हैं। वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स में छूट ली जा सकती है। पिछले कुछ साल में कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि हुई है, जिससे इनके ईपीएफ में भी ज्यादा पैसे आने लगे हैं। इस वजह से बहुत-से बीमाकर्ताओं को उम्मीद है कि इनकम की मौजूदा स्थिति को देखते हुए बजट 2023 में इसकी लिमिट को दो लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। इनकम टैक्स के धारा 80D के तहत 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट दी जाती है। बीमाकर्ताओं को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति को देखते हुए सामान्य स्थिति में इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 किया जा सकता है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस क्लेम को एक लाख रुपये तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें : Indian Railways: खुशखबरी! अब रेलवे की तत्काल टिकट बुक करना हुआ और भी आसान, ऐसे करें बुक

Tags

Share this story