UP Minister: महज 7 सालो में बदल गई क़िस्मत, स्कूटर मैकेनिक से यूपी के मंत्री तक का सफर

 
UP Minister: महज 7 सालो में बदल गई क़िस्मत, स्कूटर मैकेनिक से यूपी के मंत्री तक का सफर

UP Minister: आपने इस फ़र्श से अर्श तक का सफर सुना होगा और देखा भी होगा, लेकिन क्या आपने राजनीति ने इतने कम समय में फ़र्श से अर्श पर आते शायद ही किसी को देखा होगा. लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसे मंत्री ने कल शपथ ली है. जो करीब 7 साल पहले तक स्कूटर मैकेनिक (Scooter Mechanic) थे.

7 साल पहले ऐसे की थी मैकेनिक की शुरुआत?

आज से करीब 7 साल पहले शहर में जीआईसी चौराहा के पास गुरु ऑटोमोबाइल्स एंड रिपेयरिंग नाम से एक वर्कशॉप हुआ करता था, जो की राकेश राठौर गुरु (Rakesh Rathore Guru) चलाया करते थे.काफी लंबी मेहनत करने के बाद गुरु ने कुछ धन राशि जमा की. जिसके बाद इन्होंने अपने करोबार को बढ़ाया और पास में ही गुरु बैटरीज के नाम से एक दुकान खोल ली. यह दुकान मंत्री बनने के बाद भी खुली हुई है.

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राकेश राठौर और राकेश राठौर गुरु में है अंतर?

2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े राकेश राठौर ने पार्टी से बगावत करने के बाद सपा (SP) के साथ जाने का फैसला कर लिया था. अब बीजेपी को एक ऐसे चेहरे की तलाश थी जो पूर्व विधायक राकेश राठौर की जगह को भर सके. ऐसे में भाजपा ने ‘र’ नाम के फैक्टर का कार्ड खेला और समर्पित कार्यकर्ता राकेश राठौर गुरु पर अपना दांव लगा दिया. जिसके बाद अब उन्हें मंत्री भी बना दिया गया है.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध

राकेश राठौर गुरु का स्थानीय विधानसभा के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. कार्यकर्ताओं की नाराज़गी थी की पार्टी ने नए चेहरे को मैदान में उतार दिया है. लेकिन अंत तमाम विरोध के बावजूद राकेश राठौर गुरु ने भाजपा के टिकट पर सदर सीट से चुनाव लड़ा और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को निराश भी नही किया. आपको यह भी बता दे की सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया था.

तो ऐसे मिला गुरु नाम ?

राकेश राठौर गुरु (Rakesh Rathore Guru) ने सक्रिय कार्यकर्ता की भूमिका निभाई है और सालों साल अपना समय व्यतीत किया है. साथ ही राकेश ने अपने स्कूटर मैकेनिक का भी काम जारी रखा हुआ था. स्कूटर मैकेनिकी में उनको अच्छी जानकारी थी. इसी के चलते दूसरे मैकेनिक इन्हें गुरु के नाम से बुलाते थे, तब जाकर इनका पूरा नाम राकेश राठौर गुरु पड़ गया था.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से रहां है जुड़ाव

राकेश राठौर कम उम्र से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे. साल 2017 में सीतापुर में सदर सीट से BJP से विधायक बने राकेश राठौर और मैकेनिकल गुरु “राकेश राठौर गुरु” का नाम एक जैसा ही था. पूर्व विधायक ने भाजपा को छोड़ सपा का दामन थाम लिया था. आपको बता दे की BJP के पूर्व विधायक को सपा ने इस चुनाव में टिकट नही दिया.

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https://youtu.be/g843xXatCZ4

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