Suhani Shah: कौन हैं सुहानी शाह? जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह झट से पढ़ लेती हैं मन की बात, जानिए

 
Suhani Shah: कौन हैं सुहानी शाह? जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह झट से पढ़ लेती हैं मन की बात, जानिए

Suhani Shah: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इस समय चारोओर इसलिए छाए हुए हैं क्योंकि वह लोगों के मन की बात चुटकियों में जान लेते हैं, लेकिन अब उनकी तरह ही एक लड़की सुहानी शाह भी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया केवल इसलिए ही छाई हुई है, क्योंकि वह भी झट से लोगों का चेहरा और उनके भाव पढ़ लेती है जिसकी कला को देखकर लोगों के हाथ-पांव ठंडे पड़ जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं कि आखिरी कौन हैं सुहानी शाह? और कब से जानती हैं ये सारी कला

कौन हैं सुहानी शाह?

29 जनवरी 1990 में राजस्थान के उदयपुर शहर में सुहानी शाह का जन्म हुआ था, जो कि वर्तमान में 33 साल की है. सुहानी शाह की फैमली की बात करें तो उनके पिता चंद्रकांता है, जो कि एक फिटनेस कंसंट्रेटर व ट्रेनर हैं, जबकि उनकी मां स्‍नेहलता गृहणी हैं. फिलहाल सुहानी का परिवार गुजरात में रहता है लेकिन वह इस समय मुंबई में रहती हैं.

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Suhani Shah: कौन हैं सुहानी शाह? जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह झट से पढ़ लेती हैं मन की बात, जानिए
Image Credits: Suhani Shah/Instagram

वहीं सुहानी ने केवल कक्षा एक तक ही पढ़ी हैं, लेकिन उनका शुरू से ही जादूगर बनने का पैशन था. जब वह पांच साल की थी तो उन्होंने जादू की ट्रिक सीखने शुरू कर दी थी. फिर केवल सात साल की उम्र में सुहानी ने अपने करियर का पहला स्टेज शो किया था. इसके बाद उन्होंने अपनी अंग्रेजी पर जोर दिया जिससे आज वह फर्रादे से बोलती हैं.

सुहानी कैसे पढ़ती हैं लोगों का मन?

Suhani Shah: कौन हैं सुहानी शाह? जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह झट से पढ़ लेती हैं मन की बात, जानिए

सुहानी शाह पेशे से मैजिशियन (जादूगर) हैं, जो कि कई तरह के जादू के बारे में अच्छी खासी जानकारी रखती हैं. साथ ही वह दूसरों का मन पढ़ने के मामले में काफी तेज हैं. सुहानी शाह का मानना है कि किसी के मन को पढ़ना कोई चमत्कार नहीं है ये तो बस माइंड रीडिंग के साइंटिफिक तरीके हैं जिससे वह सामने वाले की मन की बात को भांप लेती हैं.

माइंड रीडर सुहानी के मुताबिक वह किसी भी शख्स का दिमाग उसकी वर्तमान परिस्थिति को देखकर लगाती हैं. साथ ही वह इस जोर देती हैं कि सामने वाला परशन उस समय क्या सोच सकता है. इसके अलावा व्यक्ति के बैकग्राउंड देखकर भी उसे भांप लेती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुहानी का कहना है कि इसलिए अंधविश्वास के चक्कर में कभी न पढ़ें और यह कोई चमत्कार भी नहीं है.

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