Earthquake: देश की राजधानी दिल्ली में आज यानि मंगलवार को दूसरी बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए. जबकि इससे पहले 5 जनवरी को दिल्ली की धरती हिली थी. इस हिसाब से महीने में यह दूसरी बार भूकंप आया है, जिसके कारण लोग भी दहशत में आ गए हैं. वहीं कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर भूकंप क्यों और कैसे आता है? कितनी तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा खराब होता है तो चलिए जानते हैं…
आखिर क्यों आता है भूकंप?
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक धरती के नीचे 7 प्लेट्स होती हैं जो कि हमेशा बिना रुके चक्कर लगाती रहती हैं. जब ये प्लेटे आपस में बार-बार टकराती हैं तो इन प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं, जिसके कारण धरती के अंदर प्रेशर अधिक हो जाता है और प्लेट्स टूटकर बिखर जाती हैं. फिर इससे निकली हुई एनर्जी जमीन के अंदर से निकलने के लिए बाहर का रास्ता ढूंढती है फिर जब ये बाहर आती है तो भूकंप आ जाता है और धरती दिलने लगती है.
कितने प्रकार के होते हैं भूकंप?
भूकंप तीन प्रकार क होते हैं. सबसे पहला इंड्यूस्ड अर्थक्वेक (Induced Earthquake) जो कि इंसानों की गलती से आता है. जैसे कि सुरंगों को खोदना, किसी जलस्रोत को भरना आदि. दूसरा भूकंप वॉल्कैनिक अर्थक्वेक (Volcanic Earthquake) जो कि ज्वालामुखी फटते समय या उससे पहले आता है. तीसरा कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earthquake) जिसकी गिनती छोटे भूकंप में होती है जो कि सुरगों को तोड़ने के कारण आते हं.
इतनी तीव्रता वाला भूकंप होता है भयानक

वहीं अगर भूकंप अगर 2 या इससे कम तीव्रता वाला आता है तो ये लोगों को महसूस नहीं होता है, क्योंकि ये इतने ताकतवर नहीं है. फिर 4.5 की तीव्रता का भूकंप होता है जो कि नाजुक घरों को आसानी से हिलाने के साथ ही गिरा भी सकता है. इसके अलावा सबसे आखिरी और खतरनाक वाला भूकंप 7.0 या उससे अधिक वाला माना जाता है क्योंकि इसमें अच्छे खासे और मजबूत घरों के गिरने की आंशका बढ़ जाती है.
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