Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के कारण हजारों घरों के लाखों लोग बेघर हो गए हैं. साथ ही कई लोगों के बड़े-बड़े होटलों के गिराने की नौकत तक आ गई है, क्योंकि दीवारों में आई दरार के कारण सरकार ने जगहों को चिहिन्त कर गिराने के आदेश जारी कर दिए हैं. वहीं बात आती है कि भू-धंसाव के कारण जिन लोगों के घर या होटल उनसे ले लिए गए हैं क्या सरकार उन्हें इसका राहत पैकेज देगी? इसको लेकर राज्य सरकार का क्या कहना है आइए जानते हैं…
भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में कई सारी टीमें लगी हुई हैं, जो कि यह जांच कर रही हैं कि आखिरी इसमें यह समस्या क्या हुई है. इसलिए राज्य सरकार का कहना है कि अलग-अलग जांच दलों की रिपोर्ट आ जाने के बाद ही प्रदेश सरकार केंद्र को राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजेगी, तब तक रिपोर्ट आने का इंतजार करेगी.
इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से अनुरोध किया गया है ताकि जल्द से जल्द भू धंसाव के कारण पता चल सकें. इसलिए अभी लोगों को राहत पैकेज के लिए इंतजार करना होगा. वहीं मलारी इन के मालिक, ठाकुर सिंह राणा ने बताया है कि आज मेरी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई.
मार्केट रेट पर मिलेगा राहत पैकेज
फिर उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ के तर्ज़ पर मुआवजा नहीं मिलेगा लेकिन मार्केट रेट पर होगा. हमने बोला कि मार्केट रेट लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते तो हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे. इसलिए अब इस परिवार के लोग अपने होटल के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
131 परिवार हुए शिफ्ट
डीएम चमोली, हिमांशु खुराना का कहना है कि हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए. 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है. पिछले कुछ दिनों में कर्णप्रयाग में भी दरारें परिलक्षित हुई हैं तो उस जगह को बचाने के लिए IIT रुड़की इस पर अध्ययन कर रहे हैं, इनके अध्ययन के हिसाब से हम आगे की कार्रवाई करेंगे.
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