Health Tips: क्रूर है कैंसर लेकिन इससे बचा जा सकता है,आयुर्वेद विशेषज्ञ ने बताए कारण और बचाव के अहम उपाय

 
Health Tips: क्रूर है कैंसर लेकिन इससे बचा जा सकता है,आयुर्वेद विशेषज्ञ ने बताए कारण और बचाव के अहम उपाय

Health Tips:  एक बात जो हमें आजकल देखने को मिल रही है, वह यह कि अब हमारे आस-पास कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भी प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक लोग कैंसर का शिकार होते हैं। 1940 के दशक में पैदा हुए व्यक्तियों में कैंसर का जोखिम 1880 के दशक में जन्में व्यक्तियों से दोगुना था और अब यह जोखिम तेज़ी से बढ़कर छः गुना हो गया है। कैंसर इतना क्यों बढ़ रहा है इसके पीछे कारण क्या है और इससे बचने के लिए उपाय क्या है आइए जानते हैं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के आयुर्वेद डॉ अबरार मुल्तानी से

पहला प्रदूषण

वायु, जल और भूमि प्रदूषित हो रहे हैं। दिन-प्रतिदिन बढ़ते उद्योगों से निकलता हुआ धुआँ और हानिकारक अपशिष्ट फेफड़ों के कैंसर के लिए ज़िम्मेदार हैं। उद्योगों से निकलने वाले विषैले तरल पदार्थ पानी में मिलकर पेट और मूत्र प्रणाली के कैंसर का कारण बन रहे हैं। मैंने कई अभागे मरीजों को देखा है जो जीवन भर इस कारण से व्यसनों से दूर रहते हैं कि कहीं उन्हें कैंसर न हो जाए, लेकिन प्रदूषण की चपेट में आकर उन्हें कैंसर हो जाता है।

WhatsApp Group Join Now

उपाय- हमें प्रदूषण को रोकने में मदद करना चाहिए और ज़िम्मेदार लोगों को उनकी ज़िम्मेदारी याद दिलाना चाहिये। विलासितापूर्ण जीवन, लापरवाही और अस्वच्छता प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।

दूसरा कीटनाशकों का अथाह प्रयोग

कई विश्लेषकों का मानना है कि कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से ही कैंसर के रोगियों की संख्या में इतनी बढ़ोत्तरी हुई है। कीटनाशकों से कीट के साथ-साथ मानवों का भी नाश हो रहा है। आजकल इतने असरकारक कीटनाशक आ गए हैं कि वे फल, सब्ज़ी, दालों के प्रत्येक अंश में विद्यमान रहते हैं। ऐसे में कोई कीट इनका सेवन करता है तो वह मर जाता है। अब इन फलों, सब्ज़ियों एवं दालों को मनुष्य भी खाता है तो वह तुरन्त तो नहीं मरता, लेकिन उसके शरीर में कई घातक परिवर्तन अवश्य आरंभ हो जाते हैं। लीवर कैंसर, किडनी का कैंसर, प्रोस्टेट का कैंसर, ब्लड कैंसर का प्रमुख कारण ये कीटनाशक ही हैं।

फलों को जल्दी पकाने एंव उन्हें खूबसूरत रंग देने और उन्हें आकार में बड़ा करने के लिए कई तरह के रसायन एवं हार्मोन्स का उपयोग किया जाता है। ऐसे में ये फल स्वास्थ्यवर्द्धक न रहकर कैंसर उत्पन्न करने वाले बन जाते हैं क्योंकि जब अच्छे फलों को खाने से सेहत बनती है तो खराब फलों को खाने से सेहत में बिगाड़ तो आना ही है।

बचाव का उपाय

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दें।

आर्गेनिक फल,अन्न, दाल और सब्ज़ियों का प्रयोग करें।

सब्ज़ियों और फलों को खाने या पकाने से पहले आधे घंटे गरम पानी में डालकर रखें।

तीसरा घातक दवाओं का बेइंतहा सेवन-

कैंसरकारक दवाओं की सूची काफी लम्बी है, लेकिन मोटे तौर पर इसमें मुख्य स्थान कृत्रिम स्टेरॉइड्स, हार्मोनल दवाईयाँ, दर्द निवारक एवं एंटीबायोटिक्स का है।पशुओं की दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन पुरुषों में प्रोस्टेट एवं महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण हैं।  अब जिस दुग्ध को पहले स्वास्थ्यवर्धक कहा जाता था, वह अब सेहत बिगाड़ने वाला बन गया है। पोल्ट्री उद्योग में भी बेइंतहा एंटीबायोटिक दवाओं और स्टेरॉइड्स का प्रयोग किया जा रहा है जिससे हम अप्रत्यक्ष इन दवाओं को रोज़ाना ले रहे हैं ना चाहते हुए भी।

बचाव के उपाय

हमें चाहिए कि हम दवा चिकित्सक की सलाह के बगैर ना लें।

बेवजह दवाओं से बचें।

वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को भी अपने स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए अपनाएं।

पशुओं को ऑक्सिटोसिन जैसे हार्मोनल इंजेक्शन ना लगने दिए जाएं और न इस तरह से निकाले गए दूध का सेवन किया जाए।

पोल्ट्री फार्म में भी अत्यधिक दवाओं के प्रयोग को रोका जाए।

चौथा- गलत खान पान

आयुर्वेद का सिद्धांत है कि सब रोगों का कारण मन्दाग्नि है अर्थात् पेट की खराबी। आज के समय में हम किसी भी चीज को खा लेते हैं, खाने-पीने के किसी नियम का कोई भी व्यक्ति पालन नहीं करता।

बाज़ार के तले-गले खाने भी कैंसर-कारक होते हैं, क्योंकि वे एक ही तेल को महीनों तक पकाते हैं और तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें कैंसर उत्पन्न करने वाले गुण आ जाते हैं। कई लोगों का नाश्ता ही कचौरी-समोसा आदि होटलों के पकवानों से होता है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ता होगा, हम कल्पना भी नहीं कर सकते।

प्रिजर्वेटिव और स्वास्थवर्धक रसायन भी स्वास्थ्य को बिगाड़कर हमें कई रोगों से पीड़ित कर रहे हैं उनमें एक कैंसर भी है। धूम्रपान और दूसरे नशे भी कई लाख लोगों को हर साल कैंसर उपहार में दे रहे हैं।

बचाव के उपाय

अच्छी और स्वास्थवर्धक जीवनशैली अपनाएं।

खाने पीने पर ध्यान दें कि कोई भी हानिकारक चीज हमारे मुंह मे प्रवेश ना करें।

बाहर के भोजन की जगह घर का भोजन ही लें।

धूम्रपान और नशा मूर्खों के लिए ही रहने दें, क्योंकि अपने एकमात्र जीवन को नशे में बर्बाद करने वाले मूर्ख ही हैं।

प्रिजर्वेटिव वाले भोजन से बचें। याद रखे जो खाना कई दिनों में खराब नहीं होता वह हमारे शरीर के अंदर जाकर उसे खराब ज़रूर करेगा।

शरीर को स्वस्थ और कैंसर से रक्षा करने वाली कुछ घरेलू आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करें

हल्दी

हल्दी में पाया जाने वाला एक्टिव एल्कलॉइड करक्यूमिन कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकता है इसलिए इसे बचाव के रूप में लिया जा सकता है। रोज़ाना एक चौथाई चम्मच कुनकुने पानी या दूध से।

कालीमिर्च

कालीमिर्च एक चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा है जो कई रोगों की अद्भुत दवाई है। इसमें मौजूद पाइपेरिन एल्कलॉइड कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकने में मदद करता है। इसे रोज़ाना एक या दो की मात्रा में साबुत निगल सकते हैं।

तुलसी

तुलसी भी कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकती है क्योंकि यह ब्लड के pH को सामान्य करती है। एसिडोसिस (रक्त में एसिड की अधिकता) को यह ठीक करती है इसलिए कैंसर से बचाव के लिए यह एक उत्तम औषधि है।3 से 5 साफ पत्तियों को रोज़ चबाकर खा सकते हैं।

पुदीना

पुदीना भी शरीर में तुलसी की ही तरह कार्य करता है अर्थात ब्लड के pH को सामान्य करता है।

5 से 8 साफ पत्तियों को रोज़ाना चबाकर खा सकते हैं।

अदरक

एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त जिनग्रोल और जिंगेरोन एल्कलॉइड के कारण अदरक भी कैंसर की रोकथाम करता है। इसे चाय के साथ लेना चाहिए सर्दियों में। गर्मियों में भी कम मात्रा में चाय के साथ ले सकते हैं।

अश्वगंधा

यह भी कोशिकाओं को स्वस्थ और युवा रखने में मदद करने वाली एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है। इसे भी हम रोज़ ले सकते हैं शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और कैंसर से रोकथाम के लिए। इसकी जड़ के पाउडर को आधी चम्मच की मात्रा में दूध के साथ रोज़ाना लिया जा सकता है।

Disclaimer- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सिर्फ सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। सलाह सहित यह बातें केवल जानकारी के लिए ही है। यह किसी भी तरह से राय नहीं है। लेख में बताए गए बातें पूरी तरह से कारगर होंगी इसका thevocalnews कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक की राय जरूर ले।

ये भी पढ़ेंHot Water Benefits: रोजाना गर्म पानी पीने के हैं यह गज़ब के फायदे, इन बीमारियों से रहेंगे दूर

Tags

Share this story