Chhath Puja 2022: छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाता है। इस दिन पूजा में नाक तक सिंदूर लगाने का विधान है. आइए जानते हैं कि छठ पूजा में सिंदूर का क्या महत्व है।

छठ में क्यों लगाया जाता है नाक तक सिंदूर
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सिंदूर सुहाग की निशानी होती है।छठ के दिन महिलाएं नाक तक सिंदूर पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं।ऐसा कहा जाता है कि यह सिंदूर जितना लंबा होगा, उतनी ही पति की लंबी उम्र होगी। मान्यता है कि लंबा सिंदूर पति के लिए शुभ होता है. लंबा सिंदूर परिवार में सुख संपन्नता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन लंबा सिंदूर लगाने से घर परिवार में खुशहाली आती है. इस दिन सूर्यदेव की पूजा के साथ महिलाएं अपने पति और संतान के सुख, शांति और लंबी आयु की कामना करते हुए अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करती हैं।
नारंगी रंग का सिंदूर ही क्यों लगाया जाता है
ऐसा कहा जाता है कि नारंगी रंग का सिंदूर पति की लंबी आयु के साथ उनके व्यापार में भी बरकत लाता है. उनको हर राह में सफलता मिलती है। वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार नारंगी रंग हनुमान जी का भी शुभ रंग है

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