Chilblains: सर्दी के मौसम में कहीं आप ना हो जाएं चिलब्लेन समस्या के शिकार, भूल कर भी ना करें ये लापरवाही
Chilblains: सर्दियों के मौसम में शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। चिलब्लेन स्किन के स्मॉल ब्लड वेसल्स में होने वाली पेनफुल इंफ्लेमेशन है, जो ठंड के बार-बार संपर्क में आने के परिणामस्वरूप होती है। इस समस्या के कारण रोगी के हाथों और पैरों में खुजली, रेड पैचेज, सूजन आदि हो सकती है। सर्दियों में यह समस्या सामान्य है। जानते हैं इसके बारें में।
क्या है चिलब्लेन समस्या ?
चिलब्लेन एक से तीन हफ्तों में ठीक हो जाती है खासतौर पर अगर मौसम गर्म हो जाता है. सर्दी के मौसम में यह परेशानी हर साल भी हो सकती है। इसके उपचार में खुद को ठंड से बचाना और लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए लोशन का इस्तेमाल आदि शामिल है। इस परेशानी के कारण कोई स्थायी इंजरी नहीं होती है। लेकिन इसके कारण इंफेक्शन हो सकता है. अगर इसका सही समय पर उपचार न किया जाए तो यह बहुत नुकसानदायक हो सकता है।
चिलब्लेन समस्या के लक्षण क्या हैं?
-स्किन में छोटे और लाल खुजली वाले पैचेज हो जाना
-स्किन अल्सर
-स्किन में सूजन
-त्वचा में बर्निंग सेंसेशन
-दर्द के साथ त्वचा का रंग लाल से डार्क ब्लू हो जाना।
चिलब्लेन से बचाव कैसे संभव है?
- सर्दी के मौसम में चिलब्लेन से बचने के लिए यह उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- कोल्ड से बचे या ठंड के कम संपर्क में आएं.
- गर्म और लूज कपड़े पहनें, इसके साथ ही अपने हाथों और पैरों को भी ढक कर रखें.
- सर्दी में बाहर जाने से पहले अपने अपनी स्किन को पूरी तरह से ढक कर निकलें.
- अपने हाथों, पैरों और चेहरे को ड्राई और वार्म रखें.
- स्मोकिंग से बचें
- अपने घर और वर्कप्लेस को गर्म रखें.
- यदि आपकी त्वचा ठंड के संपर्क में आती है, तो इसे धीरे-धीरे फिर से गर्म करें. क्योंकि, ठंडी त्वचा को अचानक से फिर से गर्म करने से चिलब्लेन की परेशानी बढ़ सकती है
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