Parenting Tips: बहुत चिल्लाता है आपका बच्चा? वजह जान मासूम को एक पल के लिए नहीं छोड़ेंगे अकेला
Parenting Tips: हमेशा छोटे बच्चे अपनी ओर ध्यान खींचने के लिए कई तरह की कोशिश करते हैं उनमें से सबसे अहम है चिल्लाना। कभी-कभी गुस्से में, बोरियत होने पर किसी अन्य कारण से भी बच्चे चिल्ला सकते हैं। टॉडलर में चिल्लाना कॉमन बात है और वो टैंट्रम दिखाने पर भी ऐसी हरकत करते हैं। अगर आपका बच्चा भी बहुत चिल्लाता है और अब आपको इससे चिड़चिड़ाहट होने लग गई है तो आप बच्चों को डांटने के बजाए उसके कारणों पर ध्यान दें। जब आपको टॉडलर बच्चे के चिल्लाने की वजह पता चल जाएगी, जब आप शायद उसे ऐसा करने से रोक पाएंगे।
फस्ट्रेशन और स्ट्रेस
जब कोई काम उनके हिसाब से नहीं होता, तो अक्सर वो फ्रस्ट्रेट होकर चिल्लाना शुरू कर देते हैं। अपनी भावनाओं को व्यक्त करना ना आ पाने की वजह से बच्चे चिल्लाते हैं। कुछ बच्चे मानसिक या शारीरिक तनाव होने पर भी चिल्लाते हैं जैसे कि भूख लगना, थकान, बीमारी और दर्द होना।
क्या टॉडलर बच्चों का चिल्लाना नॉर्मल है
बच्चों का चिल्लाना नॉर्मल बात है और यह उनके इमोशनल विकास का एक हिस्सा होता है। दो से तीन साल का बच्चा चिल्लाना सीख लेता है। बच्चा कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक ऐसा कर सकते हैं। 18 से 24 महीने के 87 पर्सेंट बच्चे टैंट्रम दिखाते समय चिल्लाते हैं। 30 महीने से 36 महीने के 91 पर्सेंट बच्चे ऐसा करते हैं।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार टॉडलर बच्चे कई तरह से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। कोई भी बच्चा एक जैसा नहीं हो सकता है इसलिए ऐसा हो सकता है कि आपका एक बच्चा शांत हो लेकिन दूसरा बहुत गुस्सा करता हो या चिल्लाता हो।
बोल ना पाना
टॉडलर बच्चों को ज्यादा शब्द बोलने नहीं आते हैं और उन्हें ये भी पता नहीं होता है कि उन्हें किस तरह से शब्दों के जरिए अपनी बात कहनी है। बच्चों को लगता है कि चिल्लाने से उन्हें तुरंत अटेंशन मिल जाती है।
क्या करें
चैक करें कि कहीं बच्चा किसी बीमारी, दर्द की वजह से तो नहीं चिल्ला रहा है। कई बार बुखार, दांतों में तेज दर्द होने और कान में इंफेक्शन होने पर बच्चे चिल्लाने लगते हैं।अगर बच्चा आपका ध्यान खींचने या मजे के लिए चिल्ला रहा है तो आप उसक ध्यान भटकाना शुरू कर दें। बच्चे का ध्यान भटकाना आसान होता है।