Cyber Fraud Alert: समय के साथ जैसे जैसे तकनीक बदल रही है वैसे ही अपराध करने का तरीका भी हाइटेक हो रहा है। आजकल के वीडियो गेम्स कैसेट या सीडी से नहीं बल्कि ऑनलाइन खेले जाते हैं। टू प्लेयर या मल्टी प्लेयर गेम्स में अलग-अलग देशों के लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं और साथ खेलते हैं। इनमें लिखकर या बोलकर चैट कर सकते हैं। लेकिन सावधानी के साथ गेम खेलना ही बेहतर है। धोखाधड़ियां जो हो सकती हैं।बच्चे सायबरबुलिंग का शिकार हो सकते हैं। अपराधी किसी बच्चे का दोस्त बनने के बाद उसकी जानकारी जैसे पता, स्कूल, नाम या जन्म तारीख़ आदि पूछ सकता है। उसे मिलने के लिए भी बुला सकता है। बच्चा माता-पिता की जानकारी के बिना उनका डेबिट या क्रेडिट कार्ड गेम में कुछ ख़रीदने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। बच्चे को पर्याप्त जानकारी न होने के कारण वह फ्रॉड गेम में कार्ड की जानकारी दर्ज कर सकता है या हैकर्स की नज़र में आ सकता है।
इन सावधानियों को बरतें
1.जानकारी सार्वजनिक न करें
गेम में यूज़र नेम असली नाम पर न रखें। प्रोफाइल पिक्चर में अपनी तस्वीर लगाने के बजाय अन्य फोटो का इस्तेमाल करें। गेम में लोकेशन का विकल्प है तो उसे बंद करके रखें। रेटिंग देखकर गेम का चुनाव करें।
2. सुरक्षित लॉग-इन
अमूमन लोग सोशल मीडिया और ई-मेल से लिंक करके लॉग-इन कर लेते हैं। जबकि हमेशा यूज़रनेम और पासवर्ड से लॉग-इन करें। पासवर्ड मज़बूत रखें। सोशल मीडिया में निजी जानकारी होती है और ई-मेल बैंक खाते या अन्य खातों से जुड़ा होता है। इन्हें गेम में इस्तेमाल न करें तो बेहतर है।
3. चैट में सावधानी
गेम से संबंधित चैट कर रहे हैं तो खेल तक ही सीमित रहें। अगर कोई निजी जानकारी जैसे नाम, पेशा, पता आदि पूछता है तो साझा न करें। इस सावधानी के बारे में बच्चों को भी बताएं।
4.लिंक और पॉपअप`
अगर मैसेज में कोई अनजान व्यक्ति छूट या ऑफर से संबंधित कोई लिंक भेजता है तो उस पर क्लिक न करें। विज्ञापन वाले गेम्स खेलने से भी बचें क्योंकि एकदम से पॉपअप होने से ये क्लिक हो सकते हैं, जिनसे मोबाइल या सिस्टम में वायरस आ सकते हैं।
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