Health Tips: किसी की आंखों से उसके पूरे व्यक्तित्व के बारे में पता लगाया जा सकता है। इसलिए कहा जाता है कि आंखों में गहरा राज छुपा होता है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की डॉक्टर अंजु गुप्ता ने बताया कि जब भी हार्ट से संबंधित दिक्कतें होती है आंखों पर भी असर पड़ता है। अगर हार्ट से संबंधित दिक्कतें ज्यादा है तो आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसलिए संकेतों के दिखते ही हार्ट का इलाज करना जरूरी है। क्योंकि ब्लड प्रेशर ज्यादा होने पर भी आंखों की नसें डैमेज हो सकती है।
हार्ट डिजीज होने पर आंखों पर पड़ते हैं ये असर
1. ब्लड प्रेशर-यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के मुताबिक जब हाई बीपी होता है तब खून की धमनियों के विपरीत खून का प्रेशर भी बढ़ जाता है. इस स्थिति में आंखों में रेटिनोपेथी की बीमारी हो सकती है. इससे आंखों की नसों से खून आ सकता है. आंखों के पास सूजन दिखने लगती है. खून का थक्का बनने लगता है. आंखों की नसें फट सकती है और अंततः आंखों की रोशनी जा भी सकती है
2. रेटिना का सिकुड़ना-ग्रेटर कश्मीर वेबसाइट के मुताबिक जब एथेरोस्क्लेरोटिक हार्ट डिजीज होता है तब आंखों में मैकुलर डिजेनरेशन होने लगता है. यह ऐसी बीमारी है जिसमें रेटिना सूखने लगती है. इससे आंखों की रोशनी पूरी तरह जा सकती है.
3. मोतियाबिंद-कुछ अध्ययनों में इस बात का प्रमाण मिला है कि हार्ट डिजीज होने पर आंखों का मोतियाबिंद भी हो जाता है. एक अध्ययन के मुताबिक मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत की आशंका ज्यादा रहती है.
4. धमनियों में जाम-अगर दिल की धमनियों में प्लैक जमा होने लगता है तो आंखों तक खून पहुंचना कम हो जाता है. इससे रेटिना खत्म हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप पूरी तरह अंधापन आ सकता है।
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