New Research: अमेरिका में हुए शोध में छोटे बच्चों को लेकर सामना आया ये दावा, जानें लड़का और लड़की में कौन ज्यादा बातूनी ?

 
New Research: अमेरिका में हुए शोध में छोटे बच्चों को लेकर सामना आया ये दावा, जानें लड़का और लड़की में कौन ज्यादा बातूनी ?

New Research: छोटे बच्चों को लेकर अमेरिका में एक अनोखी रिसर्च की गई।  वैसे जाता है कि लड़कों के मुकाबले लड़कियां अधिक बातूनी होती हैं, लेकिन जीवन के पहले साल में लड़के अधिक बात करते हैं। करीब 16 महीने की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लड़कियां अधिक बोलने लगती हैं- और लड़कों से आगे निकल जाती हैं। यह खुलासा मेम्फिस विश्वविद्यालय, टेनेसी के डॉ. डी. किम्बू ओलेर के नेतृत्व में किए शोध में हुआ। आइसाइंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक लड़कों ने जीवन के पहले साल में 10% अधिक उच्चारण कि बच्चे आवाज निकालकर माता- किया। इसके बाद लड़कियां अधिक पिता का ध्यान आकर्षित करने के मुखर हो गई और वे लड़कों की लिए संकेत देते हैं। ये आवाजें माता- तुलना में 7% अधिक आवाजें पिता को पसंद आती है और वे बच्चों निकालने लगीं। डॉ. ओलेर ने कहा का ख्याल रखते हैं।

रिकॉर्डिंग में 5.6 करोड से अधिक आवाजें

शोधकर्ताओं ने दो साल तक के 5,899 शिशुओं के पास छह दिन के लिए छोटे ऑडियो रिकॉर्डर लगाए थे। इनमें 4.5 लाख घंटे से अधिक की रिकॉर्डिंग की गई। इन रिकॉर्डिंग में 5.6 करोड़ से अधिक आवाजें शामिल थीं। इन आवाजों का एक एल्गोरिदम से विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर उम्र के पहले साल में लड़कों के अधिक बातूनी होने का निष्कर्ष निकाला गया।

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गागा और बाबा जैसी ध्वनियां

शोध में बताया गया कि छोटे बच्चे बात नहीं करते। वे स्वर निकालते हैं। इनके जरिए भाव प्रकट करते हैं। इन स्वरों में चीखना और गुर्राना भी होता है। इसके साथ ही गागा और बाबा जैसी ध्वनियां भी निकालते हैं। ओलेर ने कहा कि बच्चों की आवाजों को लेकर और शोध करने की योजना है।

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