Sickle Cell Anemia: सिकल सेल एनीमिया बीमारी को लेकर भी किया गया है। केंद्र सरकार ने साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। हर बीमारी हमारे शरीर के किसी न किसी हिस्से को प्रभावित करती है और यहां तक कि कुछ बीमारियां तो ऐसी होती हैं, जिनका इलाज करने के बाद भी उनका असर कुछ समय तक हमारे शरीर के अंग पर रहता है। लेकिन इनमें से कुछ ऐसी गंभीर बीमारियां भी होती हैं, जिनका समय रहते इलाज न किया जाए तो शरीर के कई जरूरी अंग प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की डॉक्टर अंजु गुप्ता से जानें आखिर यह रोग है क्या? सिकल सेल एनीमिया किन लोगों को होता है और भारत में इसकी क्या स्थिति है?
क्या है सिकल सेल एनीमिया?
सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक बीमारी है. इस आनुवांशिक डिसऑर्डर में ब्लड सेल्स या तो टूट जाती हैं या उनका साइज और शेप बदलने लगती है जो खून की नसों में ब्लॉकेज कर देती हैं।सिकल सेल एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स मर भी जाती हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है. जेनेटिक बीमारी होने के चलते शरीर में खून भी बनना बंद हो जाता है। वहीं शरीर में खून की कमी हो जाने के कारण यह रोग कई जरूरी अंगों के डेमेज होने का भी कारण बनता है. इनमें किडनी, स्पिलीन यानि तिल्ली और लिवर शामिल हैं।
सिकल सेल एनीमिया के शुरुआती लक्षण
सिकल सेल एनीमिया ज्यादातर मामलों में बचपन से ही विकसित हो जाता है और अक्सर 5 महीने के बच्चे में ही सिकल सेल एनीमिया के लक्षण दिखने लग जाते हैं।
- खून की कमी
- बार-बार इन्फेक्शन होना
- प्यूबर्टी आने में देरी
- देखने से जुड़ी समस्याएं
- हाथों और पैरों में सूजन आना