Health Tips: सिर ढककर सोने की छोड़ दीजिए आदत वरना 6 समस्याओँ का करना पड़ सकता है सामना, हार्ट अटैक का भी खतरा

 
Health Tips: सिर ढककर सोने की छोड़ दीजिए आदत वरना 6 समस्याओँ का करना पड़ सकता है सामना, हार्ट अटैक का भी खतरा

 

Health Tips:  सिर ढककर सोने की बहुत लोगों की आदत होती है। कई लोगों को सुकून तो मिलता है, परंतु इसके चलते सेहत को नुकसा भी होता है। अगर आपको भी ये आदत है तो आपके लिए खतरे से खाली नहीं हैं। सबसे पहले इस आदत को बदलें। अगर आंखें ढककर ही अच्छी नींद आती है तो स्लीपिंग मास्क पहनकर सोएं। बहुत पतली चादर या कपड़ा ढककर सोएं ताकि हवा आरपार हो सके। सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाएं। इससे लेटते ही नींद आ जाएगी। आइए अब जानते हैं इससे होने वाले नुकसान

1.दम घुटने की आशंका

जिन लोगों को हृदय से संबंधित समस्याएं, अस्थमा या स्लीप एप्निया आदि बीमारियां हैं, उनमें सोते समय ऑक्सीजन कम होने के कारण दम घुटने का ख़तरा बना रहता है। दरअसल, मुंह ढककर हम जो हवा छोड़ते हैं, वही सांस के द्वारा अंदर खींच लेते हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक तरीके से नहीं हो पाता जिसके चलते दम घुटने जैसी स्थिति आ जाती है। कई बार कंबल के रेशे तक सांसों के जरिए अंदर पहुंच जाते हैं।कंबल से मुंह ढककर सोने से दिमाग़ को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती है, इसको लेकर एक शोध किया गया। कुछ लोगों का सिर एक कंबल से 10 मिनट के लिए ढक दिया गया। फिर 10 मिनट के लिए एक अतिरिक्त कंबल के साथ उन्हें ढका गया जिससे यह पता चला कि ऑक्सीजन का स्तर 20.9 फ़ीसदी से घटकर 18 फ़ीसदी हो गया। जबकि कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर एक मिनट में 0.4 फ़ीसदी से बढ़कर 2 फ़ीसदी हो गया। अधिक समय के बाद, प्राणवायु 16.5 फीसदी तक कम हो गई।

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2 मानसिक सेहत पर असर

सिर ढककर सोने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इससे डिमेंशिया का जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि यह मुंह और नाक के माध्यम से वायु प्रवाह को बाधित करता है। मुंह ढककर सोने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिस वजह से सिरदर्द, नींद में कमी, जी मिचलाना, थकान, अल्जाइमर्स (भूलने का रोग) या डिमेंशिया जैसी दिक्कतें होती हैं।

3 फेफड़े होते हैं प्रभावित

इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ता है। जब आप मुंह और नाक ढक लेते हैं तो फेफड़ों में गैस के आदान- प्रदान का काम सही तरीके से नहीं हो पाता, जिस वजह से वे सिकुड़ने लगते हैं। ऐसे में अस्थमा, सुस्ती, - डिमेंशिया या फिर सिरदर्द जैसी शिकायत बनी रहती है।

4 मुंहासों की समस्या

सिर ढककर सोने से अशुद्ध वायु शरीर को मिलती न्या और पसीने के कारण चेहरे के रोम छिद्र भी बंद हो जाते हैं। इसके कारण चेहरे पर मुंहासे निकलते हैं।

5 पाचन पर भी असर

इससे पाचन से संबंधित समस्याएं भी आ सकती हैं और कुछ समय बाद इसका असर वजन पर दिखने लगता है। सिर ढककर सोने से शरीर की गतिविधियां कम हो जाती हैं और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है जिस वजह से पाचन क्रिया भी सही से नहीं होती। वसा जमा होने से वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

6 स्लीप एप्निया का ख़तरा

यह एक तरह का स्लीपिंग डिसऑर्डर है, जो अक्सर क सोने के दौरान सांस लेने की कठिनाइयों के चलते होता से है। 'डेंटल स्लीप मेडिसिन' पर हुए एक सम्मेलन के के मुताबिक भारत में क़रीब 40 लाख लोग, खासकर या बुजुर्ग और मोटे लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया 0.9 सिंड्रोम से पीड़ित हैं। सोते समय ऐसे रोगियों में घुटन अर्बन का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

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