रिषभ बाजपेई, नोएडा: एग्जाम सेंटर में नकल होने की खबरें तो आपने पहले कई बार सुनी होंगी, लेकिन इस बार यूपी की स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) ने एक ऐसे सॉल्वर गैंग के 21 सदस्यों को धर दबोचा है जो कि एग्जाम सेंटर में परीक्षा दे रहे परीक्षार्थी का पूरा सिस्टम ही हैक लेता था. फिर उस परीक्षार्थी का पेपर कोई दूसरा शख्स ऑनलाइन सॉल्व करता था. इतना ही नहीं इसके काम के लिए पढ़ाई में कमजोर परीक्षार्थियों से 10 से 15 लाख रुपए भी लिए जाते थे।
ऐसे चलता था सॉल्वर गैंग
जानकारी के मुताबिक इस गैंग का सरगना चितरंजन है जो कि पलवल के हरियाणा में रहकर यह संचालित करता था. यह अपने नीचे सोनू यादव, अवधेश यादव और रमाशंकर यादव जैसे लोगों को इस काम के लिए लगाकर रखता था. ये लोग अभ्यार्थियों से संपर्क कर पहले तो उनसे सांठगांठ करते थे फिर अच्छे नंबर और उन्हें परीक्षा में पास होने का लालच देकर लाखों रुपए में सौदा कर लेते थे

गैंग कैसे करता था परीक्षार्थी का कंप्यूटर हैक? सॉल्वर गैंग के सदस्यों का कई सारे शहरों में जाल बिछा रखा था, जिससे यह ऑनलाइन होने वाली परीक्षा की ताक में रहते थे. परीक्षा निकट आते ही यह पहले परीक्षा केंद्र के प्रबंधक को पैसे का लालच देकर उनसे साठगांठ कर लेते थे, इससे वह भी इनके साथ मिल जाता था. फिर परीक्षा वाले दिन एक शख्स किसी दूर जगह पर बैठकर परीक्षा केंद्र के सिस्टम को लैन (LAN) के जरिए हैक कर लेता था. इसके लिए यह एक डुप्लीकेट सर्वर भी बना लिया करते थे.
तभी इसका सरगना चितरंजन एक एप के जरिए रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करता था. बस फिर एक कोड के जरिए उस व्यक्ति का पूरा सिस्टम हैक हो जाता था जिससे एग्जाम करने के लिए सॉल्वर गैंग ने पैसे लिए होते थे. इसके बाद परीक्षा देने गए परीक्षार्थी का पूरा पेपर कोई दूसरा शख्स करता था और सबमिट कर देता था जिसके बारे में किसी को जानकारी नहीं हो पाती थी.
पढ़ने वालों के लिए बढ़ता था कंप्टीशन
फर्जी तरह से नकल करवाकर ये गैंग पढ़ने वालों का कंप्टीशन और अधिक बढ़ा देता था, जिसके कारण जो लोग इस सीट के हकदार होते थे वह केवल मुंह ताकते रह जा रहे थे. साथ ही सच में पढ़ाई कर एग्जाम देने के लिए आ रहे थे उनके लिए एक चुनौती हो रही थी, जिसकी वजह से वह भी तनाव में जा रहे थे
(Reported By: Rishabh Bajpai, Edited By: Shrikant Soni )
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