आज कालाष्टमी पर कीजिए यह उपाय, भैरव देव होंगे प्रसन्न
हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस महा यानी जेष्ठ महा में कालाष्टमी 2 जून को मनाई जाएगी. कालाष्टमी को भगवान शिव के रूद्र रूप काल भैरव की पूजा के लिए मनाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान काल भैरव की पूजा के दिन भक्तों को उपवास भी रखना होता है और पूजा को पूरे विधि विधान से पूर्ण करना होता है. भगवान काल भैरव को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है, साथ ही इनके भक्तों के पूजा करने की वजह से भय से मुक्ति मिल जाती है.
कालाष्टमी पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए आप भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, और इसके बाद विधि-विधान से श्रीकलभेरावस्तकमः पाठ का जाप करें. यदि आपकी कोई मनोकामना है और आप उसको पूर्ण करना चाहते है तो आप इस पाठ का जाप प्रत्येक दिन भक्ति भाव से करे.
कालाष्टमी के दिन 21 बेल पत्रों पर चंदन से ओम नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. और इसी विधि से पूजन करने से काल भैरव आपसे प्रसन्न हो सकते हैं.
इस दिन भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए किसी भी काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं. यदि काला कुत्ता ना मिल पाए तो किसी भी कुत्ते को रोटी खिला कर आप भगवान काल भैरव को प्रसन्न कर सकते हैं. इस उपाय से ना केवल काल भैरव ही प्रसन्न होते हैं बल्कि शनिदेव की भी आप पर कृपा बरसती है.
यदि आपको भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त करनी है तो आप किसी भी कोड़ी को भिखारी को वस्त्र दान करें और भोजन भी प्रदान करें इन कार्यों से भगवान कालभैरव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
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