Aaj ka shlok: गीता के इस श्लोक को पढ़ने मात्र से ही मिलेगा लाभ, हर सुबह श्रद्धा से कीजिए गान…

 
Aaj ka shlok: गीता के इस श्लोक को पढ़ने मात्र से ही मिलेगा लाभ, हर सुबह श्रद्धा से कीजिए गान…

Aaj ka shlok: प्रत्येक सुबह हम आपके लिए श्रीमद्भागवत गीता का एक श्लोक लेकर आते हैं. जिसे पढ़कर आप अपने दिन की शुरुआत करते हैं.

श्रीमदभागवत गीता का महत्व धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से देखने को मिलता है. इसकी उत्पत्ति तब हुई थी, जब महाभारत काल में श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.

गीता का पाठ करने या सार समझने के पश्चात ये निश्चित है कि व्यक्ति सदैव के लिए मोह माया के बंधन से छुटकारा पा लेता है. साथ ही उसको प्रतिदिन गीता का अध्ययन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

ऐसे में आज हम आपके लिए हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ गीता के तीसरे अध्याय का 21वां श्लोक लेकर आए हैं.

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यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥

आज का श्लोक

तात्पर्य हैं कि श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण यानी जो-जो काम करते हैं, दूसरे मनुष्यभी वैसा ही आचरण, वैसा ही काम करते हैं. वह (श्रेष्ठ पुरुष) जो प्रमाण या उदाहरण प्रस्तुत करता है, समस्त मानव-समुदाय उसी का अनुसरण करने लग जाते हैं.

इस प्रकार, प्रतिदिन गीता के श्लोक या आज का श्लोक पढ़ने के बाद आप अपनी ज्ञानेंद्रियों को नियंत्रित रख सकते हो, साथ ही दुनिया के मायाजाल से परे अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बना सकते हो.

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