Gorakhnath mandir: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित बाबा गोरखनाथ का मंदिर बेहद धार्मिक महत्व रखता है. हाल ही में इस मंदिर में प्राचीन समय में हुए धमाके में आरोपी मुर्तजा अब्बास को आज फांसी की सजा सुनाई गई है, ऐसे में एक बार फिर बाबा गोरखनाथ का यह मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है.
गोरखनाथ के मंदिर का नाम बाबा गोरख के नाम पर पड़ा है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं. इसके साथ ही यह मंदिर नाथ संप्रदाय के प्रमुख मंदिर के तौर पर जाना जाता है और यही से सभी मठों और मंदिरों की रखवाली भी होती है.
गोरखनाथ मंदिर की स्थापना नाथ संप्रदाय के गुरु मत्स्येंद्रनाथ को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की गई. साथ ही गोरखनाथ बाबा जोकि मत्स्येंद्रनाथ के शिष्य थे, उन्होंने मिलकर कई सारे योग स्कूलों को स्थापित किया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति बाबा गोरखनाथ की चालीसा का करीब 12 बार जप करता है,
उसके जीवन की सारी समस्याएं हल हो जाती हैं. बाबा गोरखनाथ का मंदिर वैसे तो कई मुगल आक्रांताओं की वजह से नष्ट किया गया है, लेकिन युगों के बाद इस मंदिर के निर्माण को पुनः सुचारु किया गया और आज यहां एक अखंड ज्योत जलाई जाती है, जोकि बाबा गोरख के भक्तों को आध्यात्मिक और धार्मिक शक्तियों से परिपूर्ण करती है.
बाबा गोरख के मंदिर की स्थापना औऱ रहस्य
बाबा गोरख के मंदिर में कई सारे मंदिर मौजूद हैं, जो कि अपनी विशालता और प्राचीनता के लिए जाने जाते हैं. बाबा गोरखनाथ का मंदिर करीब 42 एकड़ में फैला है, और जहां बाबा गोरख द्वारा प्रज्वलित अखंड धूना भी बेहद लोकप्रिय है, जिसकी बेहद धार्मिक मान्यता है,
बाबा गोरख के मंदिर में आपको बेहद दर्शनीय स्थल जैसे गीता प्रेस, भीम सरोवर, सूर्य कुंड मंदिर, गीता वाटिका, इमामबाड़ा, विनोद वन और आरोग्य मंदिर जैसे अनेक स्थल देखने को मिलते हैं.
इस मंदिर में हर साल हिंदू धर्म के कुछ प्रमुख त्योहार जैसे जन्माष्टमी, मकर संक्रांति, गुरु पूर्णिमा, होली, दशहरा और नाग पंचमी का त्योहार बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
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ऐसे में बाबा गोरखनाथ का मंदिर भगवान शिव के साक्षात स्वरूप श्री गोरक्षनाथ की उपस्थिति के केंद्र के तौर पर पूजा जाता है, जिसका विशेष धार्मिक महत्व है.