{"vars":{"id": "109282:4689"}}

Amavasya: पितृ अमावस्या पर लगाएं यह पौधे, दूर हो जाएगा कुंडली से पितृ दोष

 

हिन्दू धर्म के अनुसार अमावस्या की तिथि को पितरों के लिए समर्पित किया गया है. माना जाता है कि इस तिथि को यदि पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुछ काम किए जाते हैं. तो उनमें सफलता मिलती है. और पितृ खुश होकर आशीर्वाद भी देते हैं.

हिन्दू धर्म की परम्पराओं के अनुसार इस तिथि पर पितरों के नाम से दान पुण्य किया जाता है. इस तिथि को गीता का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 9 जुलाई 2021 को शुक्रवार के दिन पड़ रही है. इस तिथि पर वृक्ष लगाना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. और मान्यता है कि जैसे जैसे वृक्ष बड़ा होता है वैसे वैसे पितृ प्रसन्न होते हैं. और अपना आशीर्वाद सदैव बनाए रखते हैं.

आइए अब बात करते हैं कि पितृ अमावस्या की तिथि पर कौन कौन से वृक्ष लगाए जाते हैं

पीपल का वृक्ष

पीपल का वृक्ष सनातन धर्म में अत्यंत पावन माना गया है. पीपल के वृक्ष को कलयुग में भगवान कृष्ण ने अपना साक्षात अवतार माना है. पितरों की शांति के लिए पीपल का वृक्ष लगाना व पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु चंडाल योग है तो उसे पीपल का वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए.

बरगद का वृक्ष

बरगद का वृक्ष भी सनातन धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है. बरगद के वृक्ष को मोक्षदायी वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है. यदि कोई व्यक्ति अमावस्या के दिन बरगद का वृक्ष लगाता है, तो उसके पितरों को सद्गति प्राप्त होती है.

तुलसी का वृक्ष

तुलसी के वृक्ष को तो वैसे भी अत्यंत पावन माना गया है. और जो लोग पितृ दोष इत्यादि से पीड़ित हो उन्हें तो यह वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए. तुलसी के वृक्ष को बैकुंठ ले जाने वाला वृक्ष माना जाता है. अर्थात जो कोई व्यक्ति तुलसी का वृक्ष लगाता है, उसे व उसके पितरों को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. तुलसी का वृक्ष घर के वास्तु दोष को भी समाप्त करता है.

वृक्ष लगाना तो वैसे भी बहुत आवश्यक होता है और यह शुभ भी होता है. किन्तु पितृ अमावस्या के दिन वृक्ष लगाना अत्यंत लाभकारी माना गया है.

यह भी पढ़ें: Nag Panchami: नागपंचमी क्यों मनाई जाती है? जानिए पौराणिक कथा…