Bhagwan Shiv Avtar: महादेव का 11वां अवतार है रुद्रावतार, क्यों भोलेनाथ ने लिया रुद्रावतार?

 
Bhagwan Shiv Avtar: महादेव का 11वां अवतार है रुद्रावतार, क्यों भोलेनाथ ने लिया रुद्रावतार?


Bhagwan Shiv Avtar: महादेव की १२ अवतार हैं महादेव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, कहा जाता है कि महादेव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, लेकिन साथ ही महादेव का एक और अवतार है जिसे रुद्रावतार कहते हैं. ये शिवजी का 11वाँ अवतार है. शिव पुराण में सभी अवतारों को वर्णन है. जिसमें रुद्रावतार का भी उल्लेख है. आइये आज आपको बताते हैं कि आख़िर क्यों महादेव को रुद्रावतार (Bhagwan Shiv Avtar) लेना पड़ा.

माँ अंजनी से जब प्रसन्न हुए थे भगवान शिव (Bhagwan Shiv Avtar)

कहा जाता है कि राम भक्त हनुमान की माँ अंजनी ने भगवान शिव को अपने पुत्र के रूप में प्राप्त करने के लिए उनकी घोर तपस्या की थी. जिसके बाद प्रसन्न होकर भगवान शिव ने पवन देव के रूप में अपनी रुद्र शक्ति का अंश हवन कुंड में अर्पित कर दिया था.

भगवान शिव द्वारा अर्पित की गई वही शक्ति माता अंजनी के गर्भ में प्रविष्ट हुई, और फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हनुमान का जन्म हुआ.

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रावण के वध के लिए शिव ने धारण किया रुद्रावतार (Bhagwan Shiv Avtar)

पौराणिक कहानी की माने तो एक वजह से भी थी कि जब विष्णु जी ने रावण के वध के लिये राम का अवतार लिया था तब विष्णु जी की धरती पर सेवा के लिये अलग अलग देवताओं ने भी अलग अवतार लिया था और ताबी शिवजी ने हनुमान जी यानी रुद्रावतार धारण किया. साथ ही शास्त्रों में एक और कथा भी प्रचलित कि क्यों भगवान शिव ने उसी समय अपना रुद्र अवतार लिया था.

इसके पीछे जो वजह बताई जाती है वो ये है कि भगवान विष्णु से भगवान शिव को दास्य का वरदान प्राप्त हुआ था. हनुमान उनके 11वें रुद्र अवतार हैं. इस रूप में भगवान शिव ने राम की सेवा भी की और रावण के वध में उनकी मदद भी की थी.

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