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Chaitra Navratri 2023: नवरात्र में 9 दिनों तक जलाएं अखंड जोत, जानें इसका महत्व, लाभ व नियम

 

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्र की शुरुआत के साथ ही माँ के भक्त घर में अखंड जोत प्रज्ज्वलित करते हैं. परमात्मा से हमें संपूर्ण ज्ञान मिले इसीलिए दीप प्रज्वलन करने की परंपरा है. कोई भी पूजा हो या किसी समारोह का शुभारंभ सारे शुभ कार्यों का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन से होता है. जिस प्रकार दीप की ज्योति हमेशा ऊपर की ओर उठी रहती है, उसी प्रकार मानव की वृत्ति भी सदा ऊपर ही उठे, यही दीप प्रज्वलन का अर्थ है. नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी मां को प्रसन्न करने और मनवांछित फल पाने के लिए गाय के देशी घी से अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है.

नवरात्र में अखंड जोत जलाने की विधि और नियम

नवरात्र में अखंड जोत जलाने के कुछ नियम हैं जिनको जानना हर साधक के लिए बहुत ज़रूरी है, ताकि जिस कामना के साथ हम देवी की उपासना कर रहें हैं वो कामना पूरी हो, और हमें शुभ फल की प्राप्ति हो. आमतौर पर लोग पीतल के दीपपात्र में अखंड ज्योति प्रज्वल्लित करते हैं अगर आपके पास पीतल का पात्र न हो तो आप मिट्टी का दीपपात्र भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

1. शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले हम मन में संकल्प लेते हैं और मां देवी से प्रार्थना करते हैं कि हमारी मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाएं.

2. अखंड दीपक को कभी भी जमीन पर न रखें. दीपक को चौकी या पटरे में रखकर ही जलाना चाहिए. अगर आप जमीन पर दीपक रख रहे हैं तो अष्टदल बनाकर रखें.

3. यह अष्टदल आप गुलाल या रंगे हुए चावलों का बना सकते हैं. अखंड ज्योति की बाती का विशेष महत्व है.यह बाती कलावे से बनाई जानी चाहिए.

4. अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आपके पास दीपक जलाने के लिए घी न हो तो सरसों के तेल का भी दीपक जला सकते हैं.

5. अखंड ज्योति को देवी मां के दाईं ओर रखा जाना चाहिए. अखंड दीपक की लौ को हवा से बचाने के लिए कांच की चिमनी से ढककर रखना चाहिए.

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6. अखंड ज्योति पूर्व- दक्षिण कोण यानि आग्नेय कोण में रखना शुभ माना जाता है. और पूजा के समय ज्योति का मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना चाहिए.

7. दीपक में बार-बार बाती नहीं बदलनी चाहिए. दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है.ऐसा करने से रोग में वृद्धि होती है और मागंलिक कार्यों में बाधाएं आती है.

8. ये वो नियम और विधि है जिनका पालन करते हुए अखंड दीप जलाने से शुभ फल की प्राप्ति होती और माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है