Chaitra Navratri 2023: नवरात्र का छठा दिन, मां के किस स्वरूप की होती है पूजा?

 
Chaitra Navratri 2023: नवरात्र का छठा दिन, मां के किस स्वरूप की होती है पूजा?

Chaitra Navratri 2023: हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है. वैसे तो नवरात्र साल में चार बार आते हैं. चैत्र, शारदीय नवरात्र के अलावा दो और नवरात्र आते हैं जो की गुप्त नवरात्र कहलाते हैं. चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्र के पावन अवसर पर नौ दिनों तक देवी के अलग अलग स्वरूपों की पूजा कि जाती है. आज नवरात्र के छठे दिन माँ के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, आइये जानते हैं....

नवरात्र का छठा दिन

नवरात्र का छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है. कात्यायनी माता दुर्गा के नौ रूपों में छठे स्वरूप के रूप में पूज्य हैं. माता ने यह रूप अपने भक्त ऋषि कात्यायन के लिए धारण किया था. देवी भागवत पुराण में ऐसी कथा मिलती है कि, ऋषि कात्यायन मां आदिशक्ति के परम भक्त थे. इनकी इच्छा थी कि देवी उनकी पुत्री के रूप में उनके घर पधारें. इसके लिए ऋषि कात्यायन ने वर्षों कठोर तपस्या की. इनके तप से प्रसन्न होकर देवी इनकी पुत्री रूप में प्रकट हुई.

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कात्यायन की पुत्री होने के कारण माता कात्यायनी कहलायीं. सबसे पहले इनकी पूजा स्वयं महर्षि कात्यायन ने की थी. तीन दिनों तक ऋषि की पूजा स्वीकार करने के बाद देवी ने ऋषि से विदा लिया और महिषासुर को युद्ध में ललकार कर उसका अंत कर दिया इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना जाता है.

माँ कात्यायनी का स्वरूप

माता कात्यायनी चार भुजाधारी हैं जिनमें इनके एक भुजा में शत्रुओं का अंत करने वाला तलवार है तो दूसरी भुजा में पुष्प है जो भक्तों के प्रति इनके स्नेह को दर्शाता है. तीसरी भुजा अभय मुद्रा में है जो भक्तों को भय मुक्ति प्रदान कर रहा है. चौथी भुजा देवी का वर मुद्रा में है जो भक्तों को उनकी भक्ति का वरदान देने के लिए है.

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देवी कात्यायनी को ब्रजभूमि की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी जाना जाता है. ब्रजभूमि की कन्याओं ने श्रीकृष्ण के प्रेम को पाने के लिए इनकी आराधना की थी. भगवान श्रीकृष्ण ने भी देवी कात्यायनी की पूजा की थी. देवी कात्यायनी को मधुयुक्त पान अत्यंत प्रिय है. इन्हें प्रसाद रूप में फल और मिठाई के साथ शहद युक्त पान अर्पित करना चाहिए.

माँ कात्यायनी का मंत्र

चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना। कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनी॥

माँ कात्यायनी के दिन यानी नवरात्रि के छठे दिन इस मंत्र का जाप करने से माँ की विशेष कृपा मिलती है. और साधक की हर मनोकामना पूरी होती है.

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