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Chanakya Niti: अगर आपके आचरण में भी मौजूद हैं ये बातें, तभी आपको समाज में मिलेगा मान-सम्मान

 

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य इस देश के महान विद्वान हैं. जो कि एक महान अर्थशास्त्री राजनीति विद्वान होने के साथ ही कुशल मार्गदर्शक भी हैं. आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति पर यदि आप विश्वास रखते हैं तो आपको अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

यदि आप इस समाज में कुशल मार्गदर्शक ढूंढ रहे हैं तोचाणक्य की नीति आपके लिए सर्वाधिक उत्तम रहेगी. इस नीति में मनुष्य के गुणों और उसके आचरण से संबंधित कई बातों का उल्लेख है. व्यक्ति को किस परिस्थिति में क्या करना चाहिए चाणक्य नीति व्यक्ति को साफ करने के विषय में उचित ज्ञान देता है.

चाणक्य नीति में बताए गए कई लोगों में से एक इस श्लोक में भी मनुष्य को एक बड़ी सीख दी गई है. जिसका पालन करके वह अपने सम्मान और लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है.

आचारः कुलमाख्याति देशमाख्याति भाषणम् सम्भ्रमः स्नेहमाख्याति वपुराख्याति भोजनम्

इस श्लोक का अर्थ है कि आचरण व्यक्ति के कुल का प्रतिबिम्ब है. देश का परिचय व्यक्ति की बोली से होता है. आदर सत्कार के जरिए व्यक्ति का व्यवहार पता चलता है. वही उसकी शारीरिक रूप रेखा उसके आहार के विषय में बता देता है.

वाणी देती है आपके कुल का परिचय

आचार्य चाणक्य श्लोक के जरिए बताते हैं कि व्यक्ति को अपनी वाणी मधुर रखनी चाहिए. क्योंकि उसकी भाषा ही उसके कोई का प्रतिबिंब होती है. आपकी वाणी ही आपके गुणों और कुल का परिचय देती है. आपकी सर्वोत्तम भाषा ही देश की पहचान बनती है. यही कारण है कि विदेशों में भी आपको अपनी मातृभाषा का त्याग नहीं करना चाहिए.

सबका सम्मान करना है विशेष गुण

आचार्य चाणक्य इस श्लोक के जरिए यह बताते हैं कि व्यक्ति को अपने से बड़ों का सम्मान तो करना ही चाहिए लेकिन यदि वह अपने से निचले वर्गों को सम्मान देता है तो वह उसके प्रेम और उसके स्नेह का प्रतीक बनता है.

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उत्तम आहार से बनेगा उत्तम स्वास्थ्य

चाणक्य कहते हैं कि यदि आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं. तो आपका उत्तम आहार लेना बेहद आवश्यक है. अच्छे आहार लेने से आप आंतरिक रूप से ही नहीं बल्कि बाहरी रूप से भी शारीरिक सौंदर्य को प्राप्त करेंगे.