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Chanakya Niti: गलत खानपान औऱ जीवन शैली ही नहीं, बल्कि इन वजहों से भी बढ़ जाता है दिल की बीमारी का खतरा

 

Chanakya Niti: आपने अक्सर आचार्य चाणक्य का नाम सुना होगा. आचार्य चाणक्य को कौटिल्य तथा विष्णुगुप्त के रूप में भी जाना जाता है. चंद्रगुप्त को राजा बनाने वाले आचार्य चाणक्य द्वारा ही चाणक्य नीति का निर्माण किया गया. जिसमें मनुष्य के जीवन से जुड़े सभी पहलुओं का ज्ञान मिलता है.

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चाणक्य नीति हमें जीने की कला सिखाती है. जीवन में सफलता को प्राप्त करना सिखाती. इसके साथ ही अपने रिश्तो को कैसे निभाना है तथा कैसे परखना है यह सभी जानकारी का सार चाणक्य नीति में प्राप्त होता है. इसी क्रम में चाणक्य नीति में एक श्लोक के जरिए व्यक्ति की कुछ ऐसी गलतियों को बताया गया है जिसका प्रभाव उनके पूरे जीवन पर पड़ सकता है. चाणक्य के अनुसार यह गलतियां उनके जीवन को संकट में डाल सकती हैं.

तो आइए जानते हैं, उस श्लोक को तथा उस श्लोक में बताई गई गलतियों को (Chanakya Niti)

धर्म धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम्।
सुगृहीतं च कत्र्तव्यमन्यथा तु न जीवति।।

धर्म से जुड़े कार्य में गलती, नहीं देगा आपको फल

आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई व्यक्ति धर्म से जुड़ा होता है. धर्म से जुड़ा यह व्यक्ति यदि धार्मिक कार्य में किसी प्रकार की गलती करता है तो उसे उस कार्य का फल नहीं मिलता है. इतना ही नहीं इस भूल से लोगों को हानि भी झेलनी पड़ती है और गंभीर स्थिति में यह भूल घातक भी सिद्ध हो सकती है.

दवा लेने में लापरवाही, बढ़ा सकती है आपकी बीमारी

चाणक्य के अनुसार जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तब उस व्यक्ति को अपनी बीमारी ठीक करने के लिए दवाओं का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन यदि वह व्यक्ति दवाइयों को लेने में भूल करता है तो यह भूल उसके लिए प्राण घातक सिद्ध हो सकती है. चाणक्य कहते हैं कि बीमार व्यक्ति को अपनी दवाइयों से जुड़ी सारी जानकारी रखनी चाहिए.

धन का गलत इस्तेमाल, कर सकता है आपको बर्बाद

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन लोगों के पास धन होता है और वह धन का गलत प्रयोग करते हैं तो उनके जीवन में कष्टों का अंबार लग जाता है. ऐसे लोगों का धन व्यर्थ के कामों में जाता है. जिसके चलते उनकी बरकत भी नहीं होती है. धन खर्च करने से पहले आपको उसका उद्देश्य पता होना चाहिए.

गुरु की अवहेलना करने वाले नहीं पाते हैं कभी जीवन में सुख

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग अपने गुरु की आज्ञा का पालन नहीं करते हैं उन्हें जीवन भर कष्ट भोगना पड़ता है. ऐसे लोगों को जीवन में सुख का आनंद प्राप्त नहीं होता है. इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति सदैव दरिद्रता का भोग करता है.