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Chanakya Niti: इन 3 मामलों में पुरूषों से कहीं आगे हैं महिलाएं, लेकिन नहीं करती हैं जगजाहिर

 

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, चाणक्य नीति ग्रंथ के रचयिता हैं. इन्होंने अपनी नीति में पुरुषों के साथ-साथ स्त्रियों के बारे में भी बहुत कुछ बताया है. एक अच्छे पुरुष तथा एक अच्छी स्त्री के विषय में बताया है. इसके अलावा उन्होंने स्त्रियों की आंतरिक भावनाओं के विषय में भी बताया है.

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इसके अतिरिक्त चाणक्य स्त्रियों की आंतरिक भावनाओं का भी वर्णन किया है. चाणक्य के अनुसार स्त्रियां अपनी कुछ खास बात छुपाया करती हैं. उनकी खास बातों में शर्म, साहस और काम भावना जुड़ी होती है. चाणक्य नीति में महिलाओं में यह तीनों चीजों को पुरुषों के मुताबिक अधिक क्रम में बढ़ता हुआ बताया है.

ये 3 बातें हर पुरूष से छुपाती हैं महिलाएं

आचार्य चाणक्य इस बात का उल्लेख एक श्लोक के माध्यम से करते हैं. इस श्लोक में स्त्रियों की उन बातों के बारे में बताया है जिससे वह प्राइवेट रखती है और किसी को भी बताने से कतराती हैं.

स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥

इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में स्त्रियों की ताकत के बारे में बताया है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री का आहार यानी उनकी भूख पुरुषों से दुगनी होती हैं। इसके अलावा चाणक्य कहते हैं कि स्त्रियों में शर्म यानि लज्जा पुरुषों से चार गुना अधिक होती है. इतना ही नहीं स्त्रियों में पुरुष से छ: गुना साहस भी पाया जाता है. यही कारण है कि उन्हें सर्वशक्तिमान और देवी स्वरूपा कहा जाता है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियों में काम भावना भी पुरुषों से 8 गुना ज्यादा रहती है. लेकिन धर्म और संस्कारों की महत्वता अधिक रखते हुए महिलाएं अथवा स्त्रियां अपने जीवन में इस इच्छा को उजागर नहीं करती हैं. इस प्रकार चाणक्य ने स्त्रियों की शक्तियों और उनकी दुगनी इच्छाओं के विषय में बताया है. जिन्हें महिलाएं बेहद कम उजागर करती हैं.